वाराणसी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने गुरुवार शाम पड़ाव स्थित अघोरेश्वर भगवान राम महाविभूति स्थल में हाजिरी लगाई और अघोरेश्वर भगवान राम योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान केंद्र का उद्घाटन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्वामी विवेकानंद को नमन कर संत समाज में अघोर परम्परा की जमकर सराहना की।
उन्होंने कहा कि अघोर परंपरा साधना की ऐसी प्रकृति है, जिसमें आध्यात्मिक दृष्टि से परमात्मा को जोड़ने तथा सामाजिक दृष्टि से सामाजिक ढांचे को जोड़ने में मदद मिलती है। अघोर परम्परा के महान संत बाबा कीनाराम तथा बाबा अघोरेश्वर राम को याद करते हुये कहा कि समता मूलक समाज के लिये उन्होंने कार्य किया, ताकि कोई निराश्रित न महसूस करे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मातृशक्ति की कोई जाति नहीं होती। शिव व शक्ति के मिलन को ही वास्तविक शक्ति मानते हैं। उन्होंने योग, आयुर्वेद तथा प्राकृतिक चिकित्सा के केंद्र में इस संस्था को स्थापित करने के लिए पीठाधीश्वर गुरूपद बाबा सम्भव राम और समूह का आभार जताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों का ही नतीजा है कि पूरा विश्व भारत की प्राचीन योग चिकित्सा पद्धति को अपनाने को आतुर है । 21 जून को पूरा विश्व 2014 से योग दिवस के रूप में मना रहा।
उन्होंने कहा कि आयुर्वेद व योग भविष्य में भारत को एक नये हेल्थ एंड टूरिज्म के रूप मे स्थापित करने की क्षमता रखता है। योग, आयुर्वेद तथा पंचकर्म सभी की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने इनको भारत की प्राचीन संस्कृति परम्परा बताया। इससे पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्वागत शंखनाद से किया गया। कार्यक्रम के शुरूआत में श्री सर्वेश्वरी समूह विद्यालय की बच्चियों सुखदा पांडेय तथा शिवानी पांडेय द्वारा मुख्यमंत्री को पुष्प गुच्छ तथा रामायण प्रति भेंटकर किया गया।
कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर, स्टांप एवं पंजीयन शुल्क राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविन्द्र जायसवाल, आयुष एवं खाद्य सुरक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’, जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्या तथा विधायक सुशील सिंह, डॉ अवधेश सिंह तथा विधान परिषद सदस्य बृजेश सिंह ‘प्रिंसु’ आदि भी उपस्थित रहे।