गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने कहा कि कानून का राज सुशासन की पहली शर्त है। कानून का राज होने के लिए सुदृढ़ न्याय की व्यवस्था का होना अपरिहार्य है। सुशासन की प्राथमिक शर्तों में समय से न्याय मिलना भी शामिल है। समयबद्ध न्याय मिलने की परिकल्पना को साकार करने के लिए सरकार अधिवक्ताओं के लिए सुविधा व संसाधन बढ़ाने का काम पूरी प्रतिबद्धता से कर रही है।
योगी (CM Yogi) ने सोमवार को गोरखपुर कलेक्ट्रेट में तीन करोड़ 46 लाख 21 हजार रुपये की लागत से बने मल्टीस्टोरी अधिवक्ता चैंबर्स, सदर तहसील में चार करोड़ 54 लाख 24 हजार रुपये की लागत से निर्मित अधिवक्ता चैंबर्स का लोकार्पण और कलेक्ट्रेट परिसर में एक करोड़ 25 लाख 30 हजार रुपये की लागत से बनने वाली डिजिटल लाइब्रेरी का शिलान्यास करने के बाद कहा कि अधिवक्ता सुदृढ़ न्याय व्यवस्था के साक्षात प्रतिनिधि हैं। इस महत्व को जानते हुए सरकार ने अधिवक्ताओं के लिए कल्याणकारी कार्यक्रमों को लगातार आगे बढ़ाया है। नए अधिवक्ताओं के लिए प्रोत्साहन व अधिवक्ता कल्याण निधि की राशि बढ़ाने की व्यवस्था की। मुख्यमंत्री ने कहा कि डबल इंजन की सरकार विकास के साथ अधिवक्ता हितों के संरक्षण को प्रतिबद्ध है।
उन्होने (CM Yogi) कहा कि अधिवक्ता न्यायालय को गतिमान करने के तंत्र हैं। उनके लिए बेहतरीन चैंबर्स हों, इस दिशा में सरकार लगातार काम कर रही है। गोरखपुर कलेक्ट्रेट और सदर तहसील में यह कार्य पूर्ण हो गया है। अन्य जगहों से भी अधिवक्ता चैंबर्स के लिए प्रस्ताव मांगे गए हैं। उन्होंने बताया कि सरकार इलाहाबाद हाईकोर्ट में 10000 की क्षमता का सभी सुविधाओं से युक्त मल्टीस्टोरी चैंबर्स बनवा रही है। उन्होंने डीएम व तहसील कोर्टों में लंबित मामलों का समयबद्ध व गुणवत्तापूर्ण निस्तारण की अपील करते हुए कहा कि पीड़ितों को बार-बार आने से राहत मिलनी चाहिए। उसे न्याय का अहसास होना चाहिए।
गोरखपुर के अधिवक्ता संगठनों से 30 वर्ष के अपने नजदीकी संबंध का उल्लेख करते हुए सीएम योगी ने कहा कि अत्यधिक व्यस्तताओं के बावजूद यहां के अधिवक्ताओं ने जनहित व विकास के मुद्दे पर उनके साथ आंदोलन करने में तनिक भी संकोच नहीं किया।
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मुख्यमंत्री (CM Yogi) ने कहा कि 1908-09 में बने कलेक्ट्रेट भवन के जर्जर होने के कारण अब यहां एकीकृत कलेक्ट्रेट भवन बनने जा रहा है। इसकी डिजाइन और डीपीआर तैयार हो रही है। आगामी सौ वर्षों को ध्यान में रखकर यह यूपी का पहला ऐसा कलेक्ट्रेट भवन होगा जहां एक ही छत के नीचे सभी अधिकारी बैठकर जनता की समस्याओं का समाधान करेंगे। इसमें अधिवक्ता संगठनों की भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
उन्होने अधिवक्ताओं को तकनीकी से जुड़ने की अपील करते हुए कहा कि यह समय की मांग है। इससे पीड़ित को न्याय दिलाने में सुविधा व सहूलियत मिलेगी। कलेक्ट्रेट में बनने जा रही डिजिटल लाइब्रेरी तकनीकी को बढ़ावा देने वाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया का अहम हिस्सा है।
मुख्यमंत्री (CM Yogi) ने कलेक्ट्रेट की 109 साल पुरानी लाइब्रेरी के जीर्णोद्धार को लेकर डीएम से प्रस्ताव भेजने को कहा। उन्होंने कहा कि लाइब्रेरी नया संदेश देने के साथ ज्ञान से समृद्ध करती है। 109 साल पुरानी लाइब्रेरी विरासत है और इसके संरक्षण और भावी पीढ़ियों की स्मृतियों में इसे बसाए रखने के लिए अपने स्तर पर भी प्रयास करने की आवश्यकता है।