उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने आज यहां लोक भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में 310 विशेषज्ञ चिकित्सकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये। उन्होंने अपने कर-कमलों से 16 विशेषज्ञ चिकित्सकों को नियुक्ति पत्र वितरित किये।
ज्ञातव्य है कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा 1,200 विशेषज्ञ चिकित्सकों का चयन किया गया है। इनमें से प्रथम चरण में 310 विशेषज्ञ चिकित्सकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये गये हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश में स्थापित 15 बीएसएल-2 प्रयोगशालाओं का लोकार्पण भी किया। यह प्रयोगशालाएं राज्य के अमरोहा, बागपत, भदोही, चन्दौली, हमीरपुर, हापुड़, हरदोई, मुजफ्फरनगर, शामली, सुल्तानपुर, संतकबीरनगर, रामपुर, सम्भल, पीलीभीत तथा फर्रुखाबाद जनपदों में स्थापित की गयी हैं। कार्यक्रम के दौरान विशेषज्ञ चिकित्सकों की भर्ती प्रक्रिया पर केन्द्रित एक फिल्म भी प्रदर्शित की गयी।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ किया है। प्रदेश के राजकीय चिकित्सा केन्द्रों में निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधा प्रदान की जा रही है। प्रधानमंत्री द्वारा गरीब परिवारों के लिए आयुष्मान भारत योजना के तहत 05 लाख रुपए तक के चिकित्सा बीमा कवर की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के माध्यम से भी आयुष्मान भारत योजना से वंचित पात्र परिवारों को 05 लाख रुपए तक का चिकित्सा बीमा कवर उपलब्ध कराया जा रहा है। ऐसे में प्रदेश के राजकीय चिकित्सा केन्द्रों में बड़ी संख्या में विशेषज्ञ चिकित्सकों की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में चिकित्सकों की नियुक्ति नियमावली में केवल एमबीबीएस चिकित्सकों की नियुक्ति व्यवस्था थी। इसलिए सेवा में विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति होने पर, उनके लिए अलग से प्राविधान न होने के कारण उनकी योग्यता के अनुरूप सम्मान नहीं मिलता था। राज्य सरकार ने विशेषज्ञ चिकित्सकों को उनकी योग्यता के अनुरूप तैनाती एवं सम्मान दिलाने के लिए नियमावली में व्यापक संशोधन करके पहली बार न केवल विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति की व्यवस्था की, बल्कि इनकी नियुक्ति एक ग्रेड ऊपर किये जाने की भी व्यवस्था की। इसके उपरान्त उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा पहली बार 1,200 विशेषज्ञ चिकित्सकों का चयन किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नियुक्त किये जा रहे विशेषज्ञ चिकित्सकों में फिजिशियन, रेडियोलॉजिस्ट, ईएनटी, ऑर्थाेपेडिक्स, पैथालॉजिस्ट, गायनकोलॉजिस्ट, पेडिट्रिशियन सहित विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ चिकित्सक सम्मिलित हैं। पहले जिला चिकित्सालयों में भी विशेषज्ञ चिकित्सक मुश्किल से सुलभ होते थे। राज्य सरकार द्वारा विशेषज्ञ चिकित्सकों की सीधी भर्ती से दूर-दराज के राजकीय अस्पतालों में भी विशेषज्ञ चिकित्सक उपलब्ध होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सामान्यतः आम जनता मंे चिकित्सकों के प्रति सम्मान का बड़ा भाव होता है। विगत कुछ समय मंे यह भावना कम हुयी है। कोई भी व्यक्ति व्यावसायिक बुद्धि के अतिरेक के कारण समाज में सद्भाव और समर्थन खोता दिखायी देता है। व्यावसायिक वृत्ति की अधिकता के कारण चिकित्सकांे ने यह खोया है। इसके दृष्टिगत आप सभी चिकित्सकों पर बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि अपने सेवा कार्य में आप सभी चिकित्सकों का सरोकार समाज के अंतिम पायदान के व्यक्ति से पड़ेगा, आपको उन्हें निराश नहीं करना चाहिए। चिकित्सक जितने अधिक मरीज देखेगा, उसका अनुभव उतना ही वृहद होगा। इस अनुभव का लाभ लेना चाहिए, अपने अनुभव को रिसर्च पेपर के रूप मंे तैयार करना और प्रकाशित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि चिकित्सक को अपडेट भी रहना चाहिए। इससे समय की चुनौती का सामना वह आसानी से कर पायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत लगभग 19 महीनों से पूरा विश्व कोरोना महामारी का सामना कर रहा है। कोरोना संक्रमण के जोखिम के बावजूद चिकित्सकों, हेल्थ वर्कर्स, कोरोना वॉरियर्स, आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों, एएनएम, प्रधान, पार्षद सहित जनप्रतिनिधियों के सहयोग तथा अन्तर्विभागीय समन्वय के माध्यम से प्रदेश में बेहतर कोरोना प्रबन्धन सम्भव हुआ। राज्य में हुए कोरोना प्रबन्धन की सराहना प्रधानमंत्री सहित डब्ल्यूएचओ जैसी वैश्विक संस्थाओं ने की। उन्होंने कहा कि मार्च, 2020 में जब प्रदेश के जनपद आगरा में कोरोना संक्रमण का पहला मामला प्रकाश में आया था, उस समय राज्य में कोरोना टेस्टिंग एवं उपचार की सुविधा नगण्य थी। टेस्ट के लिए सैम्पल एनआईवी, पुणे तथा उपचार के लिए मरीज को सफदरजंग हॉस्पिटल भेजना पड़ा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में प्रतिदिन 4.5 लाख से अधिक टेस्ट करने की क्षमता है। कोरोना उपचार के लिए प्रदेश में 01 लाख 80 हजार एल-1, एल-2, एल-3 के बेड उपलब्ध हैं। वेंटीलेटर और एचएफएनसी की सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। कोरोना संक्रमण के प्रारम्भ के समय प्रदेश के 36 जनपदों के सरकारी अस्पतालों में आईसीयू बेड उपलब्ध नहीं थे। वर्तमान में सभी जनपदों मेें आई0सी0यू0 बेड उपलब्ध हैं, बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की व्यवस्था है। विगत 04 माह में प्रदेश के विभिन्न जनपदों में 518 ऑक्सीजन प्लाण्ट स्थापित किये गये हैं। 36 ऑक्सीजन प्लाण्ट का कार्य प्रगति पर है। आज 15 बी0एस0एल0-2 लैब का शुभारम्भ हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान मंे प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं हेतु बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार है। कोरोना संक्रमण की थर्ड वेव की आशंका के दृष्टिगत योजनाबद्ध ढंग से तैयारी की गयी। प्रदेश सरकार को अपनी टीम, चिकित्सकों, हेल्थ वर्कर्स, कोरोना वॉरियर्स पर पूरा भरोसा है। वर्तमान में कोरोना संक्रमण की थर्ड वेव से अमेरिका, यूके, चीन आदि देश प्रभावित हैं। उत्तर प्रदेश में फिलहाल इसकी आशंका नहीं है। बावजूद इसके कोरोना संक्रमण के प्रति सतर्कता और सावधानी आवश्यक है। इसके लिए पूरी तैयारी रखने की जरूरत है। उन्हांेने कहा कि विगत दिनों कुछ जनपदों में डेंगू व का वायरस का प्रभाव बढ़ने पर प्रदेश में स्थापित जांच प्रयोगशालाओं का प्रभावी उपयोग किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में भी प्रभावी प्रयास हो रहे हैं। राज्य में आजादी के बाद से वर्ष 2017 तक मात्र 12 मेडिकल कॉलेज निर्मित हुए थे। विगत 4.5 वर्ष में भारत सरकार के सहयोग से वर्तमान राज्य सरकार 33 मेडिकल कॉलेज बना रही है। उन्होंने उत्तर प्रदेश को मेडिकल हब बनाने के लिए प्रधानमंत्री के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वर्ष 2019 में 08 मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाई प्रारम्भ हुई। कुछ समय पहले प्रधानमंत्री द्वारा इस सत्र हेतु 09 मेडिकल कॉलेजों का शुभारम्भ किया गया है। वर्तमान में 59 जनपदों में सरकारी मेडिकल कॉलेज उपलब्ध हैं। शेष 16 जनपदों में पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेज की स्थापना करायी जा रही है। एनएमसी ने कुछ शर्तों के साथ विशेषज्ञ चिकित्सकों के मेडिकल कॉलेजों में फैकेल्टी के रूप में कार्य करने हेतु भी सहमति दी है। इससे विशेषज्ञ चिकित्सकों को आगे बढ़ने के अवसर मिलेंगे।
स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई अभूतपूर्व पहल हुई हैं। इससे राज्य में चिकित्सा सुविधाएं बेहतर हुई हैं। मुख्यमंत्री का संकल्प प्रदेश के सभी जनपदों में बीएसएल-2 लैब की स्थापना का है। इस क्रम में आज 15 जनपदों में बीएसएल-2 लैब का शुभारम्भ किया जा रहा है। शेष 15 जनपदों में शीघ्र यह लैब प्रारम्भ की जाएंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पहली बार विशेषज्ञ चिकित्सकों की सीधी भर्ती हो रही है। इससे स्वास्थ्य सुविधाएं और सुदृढ़ होंगी।
कार्यक्रम के अन्त में स्वास्थ्य राज्य मंत्री अतुल गर्ग ने अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अपनी कार्यशैली से देश व प्रदेश के लिए आशा व विश्वास के आधार बने हैं।
इस अवसर पर मुख्य सचिव आर. के तिवारी, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं एमएसएमई नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद, निदेशक सूचना शिशिर, महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. वेदव्रत सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।