लखनऊ। सीएम योगी (CM Yogi) ने विधान परिषद में सरकार की कार्यशैली और परिणाम के साथ-साथ विपक्ष के आरोपों का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि वन ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य पर लोग शंका करते हैं, कहते हैं क्या ये संभव हो पाएगा? हम कहते हैं कि क्यों नहीं संभव होगा, नेक नीयत चाहिए। पिछले 6 वर्ष की यात्रा ने असंभव को संभव करके दिखाया है। टीम यूपी ने 10 सेक्टर चिह्नित किये हैं, जिनपर सतत कार्य हो रहा है।
उन्होंने कहा कि हमने जो कहा वो कर के दिखाया। हमारी पार्टी ने 2022 में 130 संकल्प प्रदेश की जनता के सामने रखे थे। इसमें से 110 संकल्पों को पूरा करने के लिए 64 हजार करोड़ का बजट आवंटित किया गया है। 16-17 में रेवेन्यू कुल प्राप्ति 86 हजार करोड़ थी, इस वित्तीय वर्ष में हमारा राजस्व 2 लाख 20 हजार करोड़ आने जा रहा है। इससे पहले क्या होता था, सेल टैक्स और वैट था। इससे 49 हजार करोड़ से 51 हजार करोड़ तक प्राप्त होता था।
इस वित्तीय वर्ष में 1 लाख 25 हजार करोड़ तक हमें प्राप्त होने जा रहा है। मार्च 17 तक स्टेट एक्साइज में 12 हजार करोड़ मिलते थे, आज ये राशि 45 हजार करोड़ की होने जा रही है। ये पैसा चोरी होता था तो लोग इंग्लैंड में होटल और ऑस्टेलिया में टापू खरीदते थे। जिस पैसे से गरीब, किसान, युवा बुजुर्ग के लिए योजनाएं बनाने के लिए खर्च होना चाहिए था। हमने बिना डीजल पेट्रोल के दाम बढ़ाये ये काम किया है। आज यूपी में सबसे कम रेट है।
प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने में मददगार होगा ये बजट
सीएम योगी (CM Yogi) ने आगे कहा कि इस बजट का थीम यूपी को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने वाला है। देश को पांच ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने के लिए यूपी भी अपनी आबादी के हिसाब से सहभाग करने के लिए प्रयासरत हैं। आत्मनिर्भर यूपी की नींव को मजबूत करने के लिए ये बजट प्रस्तुत किया गया है।
पसीना बहाया तब बदला परसेप्शनः सीएम योगी
प्रदेश में अब तक अलग-अलग थीम पर बजट प्रस्तुत किये गये हैं। हमारा पहला बजट किसानों, सिंचाई पर आधारित था। दूसरा अवस्थापना, तीसरा महिला सशक्तिकरण, चौथा बजट युवाओं के लिए, पांचवां बजट विभिन्न वर्गों के स्वावलंबन से जुड़ा हुआ था जो अन्त्योदय से आत्मनिर्भर की ओर बढ़ने वाला बजट था। 23-24 का ये बजट समावेशी, समग्र विकास की सोच के साथ एक आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश के लिए पेश किया गया है।
विकास के सही ट्रैक पर बढ़ रहा है यूपी
सीएम (CM Yogi) ने कहा कि हमें गौरव की अनुभूति होती है कि यूपी आज वैल्यू सरप्लस स्टेट है। पहले बजट का 8 फीसदी भाग ऋण का ब्याज चुकता करने में जाता था, आज ये 6 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि अमृत काल का प्रथम बजट देश के सबसे बड़े राज्य में तब सामने आया है जब यूपी ने कोरोना महामारी का प्रकोप झेला। आज यूपी से कोरोना समाप्त है। यूपी विकास के सही ट्रैक पर आगे बढ़ रहा है।