स्थानीय स्तर पर दुग्ध और उससे सबंधित उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही लोगों की आय में वृद्धि के लिए क्या प्रयास किये जा सकते हैं? इस ओर ध्यान दिया जाए। दुग्ध और उससे संबंधित उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई जाए।
मुख्यमंत्री (CM Tirath Singh Rawat) ने कहा कि आज जिन दुग्ध उत्पादों का लोकार्पण किया गया, वे उत्तराखंड की विशेष पहचान है। इन उत्पादों का व्यापक स्तर पर प्रचार भी किया जाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने वोकल फॉर लोकल का जो नारा दिया है, उसे साकार करने के लिए स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देकर हर सम्भव प्रयास किये जाए। आज देश आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। आत्मनिर्भर बनने के साथ ही अन्य लोगों को भी अपने साथ स्वरोजगार से जोड़ना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री (PM Modi) ने कोरोनाकाल में आत्मनिर्भर भारत हेतु 20 लाख करोड़ रुपये का पैकेज दिया। उद्यमिता के विकास, कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा अनेक जन कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही है। यह सुनिश्चित किया जाए कि आम जन तक इन योजनाओं का पूरा लाभ मिले। सबका साथ, सबका विकास के मूल मंत्र के साथ कार्य किये जाए। डिजिटल इंडिया की दिशा में देश तेजी से आगे बढ़ा है, उद्यमिता और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल माध्यमों के प्रयोग पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है।
इस दौरान डेरी विकास मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि दुग्ध उत्पादन स्वरोजगार का बड़ा माध्यम है।दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में उत्तराखंड को अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि घी में अनेक औषधीय एवं आध्यात्मिक गुण हैं। उत्तराखंड के बदरी गाय के घी, पहाड़ी और आर्गेनिक घी की मांग भी तेजी से बढ़ रही है। दुग्ध उत्पादन और उससे निर्मित उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं।