रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (CM Sai) ने कहा है छत्तीसगढ़ में निवेश करने वाले और उद्योग लगाने वाले उद्यमियों को राज्य सरकार की ओर से हर संभव सहयोग प्रदान किया जाएगा। हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता सुशासन और भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति है।
इसी क्रम में आज मंगलवार को निवेशकों और नए उद्योग लगाने वालों की सुविधा के लिए विभिन्न क्लीयरेंस और स्वीकृतियां त्वरित रूप से प्रदान करने के लिए सिंगल विंडो पोर्टल 2.0 का शुभारंभ किया गया है।
प्रशासनिक दखल कम कर प्रक्रिया को सरलीकृत बनाने के लिए यह बड़ी पहल की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पोर्टल उद्यमियों के लिए अत्यंत आसान और उपयोग करने में सुगम होगा।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (CM Sai) आज यहां अपने राजधानी रायपुर स्थित निवास कार्यालय से सिंगल विंडो सिस्टम 2.0 पोर्टल शुभारंभ करने के बाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (CM Sai) ने कहा कि प्रदेश में संसाधनों के विपुल भंडार है और औद्योगिक विकास के भी असीम अवसर उपलब्ध हैं। उद्योग विभाग की इस नई व्यवस्था से सभी सुविधाएं एक क्लिक पर उपलब्ध होगी। उद्योगों की स्थापना की प्रक्रिया आसान होने से निवेश में उनकी रुचि बढ़ेगी और युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। व्यवसायियों को आवश्यक विभागीय अनुमति-सहमति और क्लीयरेंस के लिए भटकना नहीं पड़ेगा और ना ही अलग-अलग विभागों में आवेदन करने की आवश्यकता होगी।
उन्होंने vकहा कि नए पोर्टल में विभागीय अधिकारियों को भी जिम्मेदारियां दी गई है और उन पर आवेदनों के समय पर निराकरण की जवाबदेही भी होगी। मुख्यमंत्री ने उद्योग विभाग के अधिकारियों को समय-समय पर इसकी समीक्षा करने के निर्देश भी दिए।
उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने सभी व्यापारियों को बधाई देते हुए कहा कि इससे समय पर आवेदनों का निराकरण होगा और आवेदक सिंगल क्लिक पर अपने आवेदन की स्थिति के बारे में जान पाएंगे।
वाणिज्य और उद्योग विभाग के सचिव अंकित आनंद ने सिंगल विंडो सिस्टम 2.0 के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 16 से अधिक विभागों की 100 से अधिक सुविधा इस पोर्टल के माध्यम से उपलब्ध होगी। आवेदक को एक बार ही लॉगिन करना होगा और दोबारा आवेदन करने की आवश्यकता नहीं होगी। पूरी प्रक्रिया के दौरान किसी भी विभाग द्वारा यदि कोई जानकारी मांगी जाएगी तो आवेदक लॉगिन कर इसके बारे में जान पाएंगे।
उन्होंने बताया कि अब किसी भी कार्यालय से ऑफलाइन मोड में संपर्क करने की आवश्यकता नहीं है। सचिव श्री आनंद ने बताया कि ई-चालान के माध्यम से पेमेंट की सुविधा भी मिलेगी। नई सुविधाओं की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि अब किसी भी उद्योग को लगाने से पूर्व किन-किन विभागों से अनुमति की आवश्यकता होगी, यह जानकारी भी पोर्टल में उपलब्ध कराई गई है। सभी विभागीय अधिकारियों को आईडी-पासवर्ड भी दिए गए हैं, जिससे वह समय-समय पर आवेदनों का निराकरण कर पाएंगे। अब इसकी मॉनिटरिंग आसान होगी और अनुमति के लाइसेंस के लिए समय-समय पर संबंधित विभाग अधिकारियों को अलर्ट भी भेजा जाएगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सलाहकार धीरेन्द्र तिवारी, सचिव पी दयानंद और उद्योग विभाग के संचालक अरूण प्रसाद सहित विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।