भिलाई/रायपुर। प्रदेश में राज्य स्थापना दिवस एक नवम्बर को नई उद्योग नीति शुरू की जाएगी ।इस नीति से सूक्ष्म, अति लघु, कुटीर और लघु उद्योगों को भरपूर फायदा होगा। हमारा प्रदेश खनिज और वन संपदा से भरा पड़ा, जिससे छग में व्यापार-उद्योग फलेगा-फूलेगा। नई उद्योग नीति से प्रदेश के 65 हजार उद्यमी लाभान्वित होंगे। यह उद्बोधन मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (CM Sai) ने भिलाई के खुर्सीपार स्थित अग्रसेन भवन में लघु उद्योग भारती मध्य क्षेत्र की आज शुक्रवार को आयोजित बैठक में दिया। इस दौरान उन्होंने लघु उद्योग भारती की मांग पर नए एमएसएमई मंत्रालय के गठन और नवा रायपुर में लघु उद्योग भारती के कार्यालय के लिए जमीन आबंटित करने के लिए आश्वस्त किया। साथ ही उन्होंने इस सम्मेलन को लघु उद्योगों के हित में सार्थक बताया।
कार्यक्रम को उद्योग मंत्री लखन देवांगन ने सम्बोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री साय (CM Sai) ने उद्यमियों को सुविधा देने सिंगल विंडो की सुविधा प्रदान की है। उन्होंने बताया कि लघु उद्यमियों के उत्पाद सामग्रियों को विदेशों में एक्सपोर्ट करने सुविधा प्रदान की जाएगी।
उद्यमियों को अपने उद्यम के प्रति जागरूक होना जरूरी-सम्मेलन के प्रथम सत्र की शुरुआत लघु उद्योग भारती के संगठन मंत्री राजेश मिश्रा, प्रकाशचन्द्र गुप्त और पुरुषोत्तम पटेल ने मां भारती और भगवान विश्वकर्मा के तैलचित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस मौके पर संगठन के उपाध्यक्ष ताराचंद गोयल ने सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि संगठन में एक बड़ी ताकत होती है, जिससे उसके विकास से कोई नहीं रोक सकता । उद्यमी गोयल ने कहा कि उद्यमियों को अपने उद्यम के प्रति जागरूक होना जरूरी है। उद्यम में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, समस्याओं का धैर्यता और संयम से सामना करना चाहिए।उन्होंने उद्यमियों को अपने उद्यम के प्रति जागरूक करते हुए कहा कि उद्यम के लिए चिंतन करने से निश्चित ही विकास कार्य मे तेजी आएगी, वहीं राष्ट्र निर्माण भी बेहतर होगा। उन्होंने मातृशक्तियों द्वारा शुरुआत किए गए स्वयमसिद्धा योजना की तारीफ की। इस अवसर पर उन्होंने उद्यमियों के बच्चों द्वारा स्वयं के उद्यम को आगे बढ़ाने के बजाय दूसरों की नौकरी करने पर आपत्ति जताई। प्रथम सत्र में प्रांतीय अध्यक्ष ओमप्रकाश सिंघानिया ने अपने प्रान्तों में सदस्य संख्या बढ़ाने पर जोर दिया।साथ ही मालवा, महाकौशल और छग प्रान्त के अध्यक्षों ने भी विकास कार्यों की विस्तार से जानकारी दी।
साथ ही, प्रांतीय अध्यक्षों ने अपने प्रान्तों में हुए स्वावलम्बी योजना, उत्पाद समूह, सेमिनार, प्रदर्शनी और उद्यमी सम्मेलन पर प्रकाश डाला। इस मौके पर ओमप्रकाश सिंघानिया, अरुण सिंह भदौरिया, विनोद नायक, गीता वर्मा, कैलाश चन्द्र, राजेश मिश्रा, लघु उद्योग भारती के उपाध्यक्ष ताराचंद गोयल सहित विभिन्न प्रान्तों से आए उद्यमी शामिल थे।
कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में छग प्रभारी समीर मूंदड़ा ने सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि संगठन विभिन्न आयामों से कार्य का विस्तार करता है। संगठन सूक्ष्म उद्योगों पर फोकस करते हुए ग्रामीण शिल्पकारों को भी बढ़ावा दे रहा है। संगठन ने गांवों में शिल्पकारों को बढ़ावा देने ग्राम शिल्पी उद्यमी प्रकोष्ठ का गठन किया है, जिससे ग्रामोद्योग को बढ़ावा मिल रहा है। इससे शिल्पकार शहरों की ओर रूख करने से बच रहे हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि संगठन शिल्पकारों के जीवनस्तर को उठाने का कार्य शुरू कर दिया है। वहीं शिल्पकारों को मार्केटिंग के लिए भी सहायता प्रदान किया जा रहा है। सम्मेलन में प्रवक्ता प्रकाश चन्द्र ने पंच परिवर्तनों में सामाजिक समरसता, पर्यावरण संतुलन, स्व के बोध व देशभक्ति की भावना के साथ सिंगल यूज प्लास्टिक का बहिष्कार करते हुए उद्यम को आगे बढ़ने पर जोर दिया।
इस अवसर पर उद्यमी भूमिका पांडे ने स्वावलंबी भारत अभियान योजना पर प्रकाश डालते हुए विकेंद्रीकरण, उद्यमिता, स्वावलम्बी और स्वदेशी की भावना से उद्यम को बढ़ाने के लिए कहा। इस दौरान उन्होंने 2030 तक भारत को बेरोजगार और गरीबमुक्त भारत बनने का लक्ष्य रखा। सत्र को पुरुषोत्तम पटेल, उमा शर्मा, नीना ने भी सम्बोधित किया। उद्यमियों ने सदस्य संख्या को निरंतर बढाते हुए राष्ट्र विकास हित में कार्य करने का संकल्प लिया। दूसरे सत्र के सत्र के अंत मे सभी उद्यमियों ने बाजार जाएंगे, स्वदेशी वस्तु लाएंगे, स्वरोजगार की प्रेरणा देकर देश को समृद्ध बनाने और चाइनीज वस्तुओं को त्यागने का नारा लगाया।
इस मौके पर लघु उद्योग भारती के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री और उद्योग मंत्री का प्रतीक चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों व उद्यमियों का विजय अग्रवाल ने आभार व्यक्त किया। वहीं राष्ट्रगान के साथ सम्मेलन का समापन किया गया।