चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी (CM Nayab Saini) ने शुक्रवार को कहा कि खाप पंचायतें युवाओं को पूरे समाज पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले नशे की लत से उबारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि उनकी सरकार नशा मुक्ति के लिए खाप पंचायतों को हरसंभव सहायता प्रदान करेगी। जींद में PWD रेस्ट हाउस में खाप प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने ‘नशा मुक्त हरियाणा साइक्लोथॉन 2.0’ को हरी झंडी दिखाने के बाद खाप पंचायतों से आह्वान किया कि वे युवाओं को नशे से दूर रखने और हरियाणा को नशा मुक्त बनाने के लक्ष्य को समर्थन देने के लिए एक अभियान शुरू करें।
‘युवाओं को नशे के असर से बचाना होगा’
सैनी (CM Nayab Saini) ने कहा, ‘हमें अपने युवाओं को नशे के हानिकारक प्रभावों से बचाना होगा। अधिक से अधिक युवाओं को खेलों से जोड़ना जरूरी है, ताकि वे अधिकतम पदक जीतकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हरियाणा का नाम रोशन करें।’ एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, इस दौरान खाप प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री के साथ विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर अपने विचार साझा किए। इससे पहले सैनी ने जींद से राज्य स्तरीय ‘नशा मुक्त हरियाणा साइक्लोथॉन 2.0’ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि नशे के खिलाफ जंग को खाप पंचायतों, युवाओं, महिलाओं, शिक्षकों और समाज के सभी वर्गों के एकजुट प्रयासों से जीता जा सकता है।
‘खाप पंचायतें सामाजिक परिवर्तन की अगुआ’
सैनी (CM Nayab Saini) ने कहा, ‘हमारा लक्ष्य नशा मुक्त, स्वस्थ और सशक्त हरियाणा का निर्माण करना है। यह साइकिल रैली नशे के खिलाफ लड़ाई, जागरूकता बढ़ाने और एकजुटता के माध्यम से नशे की लत को खत्म करने की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।’ मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि खाप पंचायतें प्राचीन काल से हरियाणा के सामाजिक ताने-बाने का अभिन्न अंग रही हैं। उन्होंने कहा, ‘इतिहास इस बात का गवाह है कि इन पंचायतों ने विदेशी ताकतों का विरोध करने और महत्वपूर्ण निर्णय लेने में अहम भूमिका निभाई है। आज, जब हम नशे जैसी सामाजिक बुराई से लड़ रहे हैं, इस साइक्लोथॉन में उनकी सक्रिय भागीदारी साबित करती है कि खाप पंचायतें न केवल परंपराओं की रक्षक हैं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन की अगुआ भी हैं।’
‘सामाजिक परिवर्तन की शुरुआत घर से होती है’
सैनी ने आगे कहा, ‘पहले भी खाप पंचायतों ने स्पष्ट संदेश दिया है कि जो लोग नशे को बढ़ावा देंगे, उनका सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा, और जो नशा छोड़ेंगे, उनका स्वागत होगा। अवैध नशे के व्यापार से कमाया गया पैसा विश्व भर में आतंकवाद को बढ़ावा देता है। नशा विरोधी अभियान अप्रत्यक्ष रूप से आतंकवाद को रोकने में मदद करेगा। यदि आप किसी को नशे की लत में फंसा हुआ देखते हैं, तो उसे अलग-थलग न करें, बल्कि उसे सही रास्ते पर लाने में मदद करें। सामाजिक परिवर्तन की शुरुआत घर से होती है, तो आइए हम सब अपने घरों से पहला कदम उठाएं।’ बता दें कि 5 अप्रैल को हिसार से शुरू हुआ यह साइक्लोथॉन विभिन्न जिलों से गुजरते हुए जींद पहुंचा। अब यह बरवाला की ओर बढ़ेगा और फतेहाबाद के रास्ते 27 अप्रैल को सिरसा में समाप्त होगा।