देहरादून। मुख्यमंत्री (CM Dhami) ने जोशीमठ भू-धसांव (Joshimath Landslide) के कारणों को लेकर सभी तकनीकी संस्थानों और वैज्ञानिकों की रिपोर्ट आते ही आगे की योजना पर तेजी से कार्य करने के निर्देश दिए हैं।
सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Dhami) ने जोशीमठ में चल रहे राहत कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि जोशीमठ के भू-धंसाव (Joshimath Landslide) क्षेत्र के अध्ययन की फाइनल रिपोर्ट के बाद ट्रीटमेंट के कार्य तेजी से सुनिश्चित किए जाएं। उन्होंने कहा कि विस्थापन के लिए वहां के लोगों से मिलकर सुझाव लिये जाएं। जिलाधिकारी चमोली स्थानीय लोगों से सुझाव लेकर शासन को जल्द से जल्द रिपोर्ट भेजें।
मुख्यमंत्री (CM Dhami) ने कहा कि जोशीमठ के प्रभावित क्षेत्र से जिन लोगों को विस्थापित किया जायेगा, उनको सरकार की ओर से बेहतर व्यवस्थाएं की जाएंगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य के जिन शहरों में समुचित ड्रेनेज प्लान एवं सीवर सिस्टम नहीं हैं, उनमें ड्रेनेज एवं सीवर सिस्टम के लिए चरणबद्ध तरीके से कार्ययोजना बनाई जाए। शहरों को श्रैणी वार चिन्हित किया जाए।
रिसाव और एनटीपीसी टनल का पानी अलग-अलग –
सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने कहा कि राष्ट्रीय जल विज्ञान (एनआईएच) की प्राथमिक जांच रिपोर्ट में जोशीमठ में रिस रहा पानी और एनटीपीसी परियोजना के टनल का पानी अलग-अलग है। अन्य केन्द्रीय एजेंसियों की रिपोर्ट एवं एनआईएच की फाइनल रिपोर्ट आने के बाद स्थिति पूरी तरह स्पष्ट हो पायेगी।
उन्होंने बताया कि जोशीमठ के भू-धंसाव प्रभावित क्षेत्र के 258 परिवारों को राहत शिविरों में ठहराया गया है, उन्हें सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। प्रभावित क्षेत्र में पानी का डिस्चार्ज एवं सिल्ट दोनों काफी तेजी से कम हुआ है।
बैठक में मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधू (SS Sandhu) , अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनन्द बर्द्धन, सचिव आर.मीनाक्षी सुंदरम, अपर सचिव सविन बंसल, आनन्द श्रीवास्तव एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।