देहरादून। मुख्यमंत्री (CM Dhami) ने कहा कि सरकार गांवों से पलायन रोकने के लिए विभिन्न पहलुओं पर काम कर रही है। ग्रामीण क्षेत्रों के उद्यमियों के लिए उत्तराखंड उद्यमिता समिट लाभकारी साबित होगी। अब युवा स्वरोजगार से जुड़ेंगे और नौकरी पाने के बजाय नौकरी देने वाले बनेंगे। प्रदेश के अन्य 11 जनपदों में “रूरल बिजनेस इन्क्यूबेटर“ के स्पॉक स्थापित किए जाएंगे।
मंगलवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय, स्थित मुख्य सेवक सदन में ग्रामीण उत्तराखण्ड उद्यमिता समिट, 2022-23 “गुल्लक“ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने प्रतिभाग करते हुए यह बातें कहीं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचे यह हमारा दायित्व होना चाहिए। ग्रामीण उद्यमिता के विकास से हमारे युवा स्वरोजगार से जुड़ेंगे और नौकरी पाने के बजाय नौकरी देने वाले बनेंगे। ग्रामीण उद्यमियों के उत्पादों के विपणन की बेहतर व्यवस्था पर हमारा ध्यान है। आज देश में आयात को निर्यात में बदलने की प्रक्रिया की शुरुआत हो रही है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता विकास को गति प्रदान करने के लिए सरकार विगत वर्ष “रूरल बिजनेस इनक्यूबेटर्स“ की स्थापना जनपद अल्मोड़ा के हवालबाग में और जनपद पौड़ी के कोटद्वार में की गई। वर्तमान में इन “रूरल बिजनेस इनक्यूबेटर्स“ के माध्यम से ग्रामीण उद्यमियों को विभिन्न प्रकार की सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। इनक्यूबेटर्स के अच्छे परिणामों को देखते हुए इस योजना को हब एवं स्पॉक मॉडल के अंर्तगत राज्य के अन्य 11 जनपदों में क्रियाशील किए जाने हेतु “रूरल बिजनेस इन्क्यूबेटर“ के स्पॉक स्थापित किए जाएंगे। इन इनक्यूबेटर्स के माध्यम से हमारे उद्यमियों को नए अवसर प्राप्त हो सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली बार जब वे हवाल बाग में निवेशकों से मिले थे उस समय की निवेश की यह धनराशि आज 07 करोड़ से 20 करोड़ हो गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता के क्षेत्र में कार्य करने वालों का जज्बा उन्होंने देखा है उनका आत्म विश्वास अन्य युवाओं के लिये भी प्रेरणा का कार्य करेगा।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में जी 20 देशों की अध्यक्षता भारत को मिली है। इसकी दो महत्वपूर्ण बैठकें उत्तराखण्ड में भी होनी हैं यह हमारे लिये भी सम्मान की बात है। देश में 40 प्रतिशत डिजिटल ट्रांजेक्शन लोकल फॉल ग्लोबल की दिशा में देश के बढ़ते कदम हैं।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में पलायन की समस्या से निजात पाने के लिए विशेष रूप से कार्य कर रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाले व्यवसाय में महिलाओं की सहभागिता अधिक रहती है, इसको ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार स्वरोजगार के क्षेत्र में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए विशेष रूप से प्रयास कर रही है। हमने 1.25 लाख बहनों को लखपति दीदी बनाने की योजना बनाई है, उन्हें भी उद्यमिता से जोड़ने के प्रयास किये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज से भारत सरकार के निर्देशन में आगामी एक माह तक “मिशन अंत्योदय सर्वे“ मोबाइल ऐप के माध्यम से किया जाना सुनिश्चित हुआ है। इस सर्वे में सामुदायिक काडर की महिलाओं द्वारा आर्थिक विकास, गांवों की आधारभूत संरचना, सेवाओं और सामाजिक न्याय से संबंधित विषयों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह सर्वे गुणवत्तापूर्ण रूप से संपन्न होने के साथ राज्य के सर्वांगीण विकास में इस सर्वे का लाभ प्राप्त हो सकेगा।
इस मौके पर ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से राज्य में रूरल बिजनेस इन्क्यूबेटर्स योजना प्रारम्भ की गई। “गुल्लक कार्यक्रम“ राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता को विकसित करने के लिये सरकार की एक अनूठी पहल है।
इस मौके पर पूर्व सांसद तरुण विजय,सचिव बी.वी.आर.सी पुरूषोत्तम,आयुक्त ग्राम्य विकास आनन्द स्वरूप,अपर सचिव ग्राम्य विकास नितिका खंडेलवाल सहित अन्य अधिकारी उद्यमी तथा निवेशक उपस्थित थे।