देहरादून/नई दिल्ली। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री (CM Dhami) ने नई दिल्ली में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnav) से शिष्टाचार भेंट की। मुख्यमंत्री ने रेल मंत्री से टनकपुर-देहरादून के मध्य एक जनशताब्दी रेल सेवा और दिल्ली- रामनगर के मध्य शताब्दी एक्सप्रेस रेल सेवा संचालित किए जाने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Dhami) ने रेल मंत्री से देहरादून से सहारनपुर को मोहंड होते हुए रेलवे से जोड़ने के लिए टनल आधारित रेल लाइन परियोजना ओर ऋषिकेश-उत्तरकाशी रेल लाइन परियोजना का शीघ्र परीक्षण कराकर इसके निर्माण की स्वीकृति प्रदान किए जाने का भी अनुरोध किया। उन्होंने रेल मंत्री से हरिद्वार से वाराणसी वंदे भारत रेल बजट काे प्रारंभ किए जाने का आग्रह करते हुए कहा कि इससे श्रद्धालुओं और पर्यटकों को बड़ी सुविधा मिलेगी।
मुख्यमंत्री धामी ने पूर्व में मिले सहयोग के लिए आभार व्यक्त करते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnav) से किच्छा-खटीमा नई रेल लाइन परियोजना की सम्पूर्ण लागत भारत सरकार द्वारा वहन किए जाने का आग्रह किया। उन्होंने अनुरोध किया कि रामनगर-हरिद्वार -देहरादून सीधी रेल सेवा संचालित की जाए। पूर्णागिरी मेले की अवशेष आयोजन अवधि के लिए देश के विभिन्न स्थानों मुख्यत: नई दिल्ली, मथुरा और लखनऊ आदि से टनकपुर के लिए पर्याप्त संख्या में रेल सेवा का भी संचालन प्रारम्भ किया जाए।
मुख्यमंत्री (CM Dhami) ने उत्तराखंड में रेल सेवाओं पर रेल मंत्री के साथ चर्चा में कहा कि वर्तमान में कुमाऊं और गढ़वाल को जोड़ने के लिये देहरादून-काठगोदाम जनशताब्दी एक मात्र रेल सेवा है। कुमाऊं क्षेत्र के एक बड़े हिस्से के साथ-साथ नेपाल बॉर्डर होने के कारण वहां के लोगों का आवागमन भी टनकपुर से ही होता है। इसलिए टनकपुर-देहरादून के मध्य एक जनशताब्दी रेल सेवा संचालित करना जरूरी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के जनपद नैनीताल के रामनगर क्षेत्रान्तर्गत स्थित प्रसिद्ध पर्यटन स्थल जिम कार्बेट नेशनल पार्क में देश-विदेश से पर्यटकों का निरन्तर आवागमन होता है। इसलिए दिल्ली-रामनगर शताब्दी एक्सप्रेस रेल सेवा संचालित किया जाना अति आवश्यक है।
सीएम धामी ने वित्तमंत्री से की विभिन्न परियोजनाओं पर चर्चा
मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून से नई दिल्ली तक रेल की यात्रा करने के लिए वर्तमान में हरिद्वार होकर जाना पड़ता है। हरिद्वार-देहरादून रेल लाइन सिंगल लेन है। देहरादून से हरिद्वार तक का अधिकांश अंश राजाजी नेशनल पार्क के अन्तर्गत होने के कारण वन्यजन्तु की सुरक्षा की दृष्टि से रेल की गति भी अत्यन्त नियंत्रित होती हैं। फलत: सम्पूर्ण यात्रा में अपेक्षाकृत अधिक समय लगता है। यदि देहरादून से मोहंड होते हुए सहारनपुर तक रेल लाइन, जिसका कुछ भाग टनल के माध्यम से भी होगा, यह निर्मित कर दी जाती है तो नई दिल्ली एवं देहरादून के मध्य रेल द्वारा भी आवागमन अधिक त्वरित हो जायेगा।
इसके फलस्वरूप प्रदेश में पर्यटकों की आवाजाही सुविधाजनक होने के साथ-साथ व्यवसायिक गतिविधियों को भी बल मिलेगा। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना में अपनायी जा रही टनल प्रणाली के समान ही देहरादून से सहारनपुर को मोहंड होते हुए रेलवे से जोड़ने के लिए टनल आधारित रेल लाइन परियोजना की संभाव्यता का परीक्षण कराकर परियोजना को स्वीकृति प्रदान की जाए।