नई दिल्ली। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Dhami) ने बुधवार को दिल्ली पहुंचकर केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) से मुलाकात कर जोशीमठ (Joshimath) की यथास्थिति से अवगत कराया। इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार की ओर से चलाई जा रही राहत व बचाव कार्यों के बारे में बताया।
उत्तराखंड सरकार की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार धामी ने केंद्रीय गृह मंत्री को जोशीमठ क्षेत्र में हो रहे भू-धंसाव से उत्पन्न स्थिति की विस्तृत जानकारी दी व आपदा राहत के लिए केंद्रीय सहायता का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री को अवगत कराया कि जोशीमठ शहर जनपद चमोली का तहसील मुख्यालय, बद्रीनाथ का शीतकालीन निवास स्थान है व सामरिक, सांस्कृतिक एवं पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण स्थान है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जोशीमठ पुराने भू-स्खलन के मोटी परत के मलबे के ऊपर बसा है। यद्यपि भू-स्खलन, भवनों में दरारों का इतिहास पुराना है लेकिन दो जनवरी की रात से भवनों में मोटी दरारें दृष्टिगोचर हुई व जेपी प्लांट के नीचे 500 एलपीएम की नई धारा फूटने की शिकायत प्राप्त हुई है।
उन्होंने कहा कि अभी तक क्षेत्र का 25 प्रतिशत भू-भाग, भू-धंसाव से प्रभावित है। जिसकी अनुमानित जनसंख्या लगभग 25000 है, पालिका क्षेत्र में दर्ज भवन लगभग 4500 है, उसमें से 849 भवनों में चौड़ी दरारें परिलक्षित हो चुकी हैं, अस्थायी रूप से विस्थापित परिवार 250 हैं। धामी ने कहा कि वहां पुनर्वास के लिए पांच स्थल चिन्हित किए गए हैं, जिनका भू-गर्भीय परीक्षण किया जा रहा है। जोशीमठ के कुल 09 वार्ड में से 04 वार्ड पूर्णरूपेण प्रभावित हैं जबकि 08 केन्द्रीय तकनीकी संस्थान प्रभावित क्षेत्र में वैज्ञानिक परीक्षण कर रहे है।