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क्षमा से होती है आत्मा की शुद्धि, जैन धर्म में वैश्विक शांति-सद्भाव का संदेश : मुख्यमंत्री

CM Bhajan Lal

CM Bhajan Lal

जयपुर।  मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (CM Bhajan Lal Sharma) ने कहा कि हमारे संत-मुनियों ने देश को दिशा देने, संस्कृति को बचाने और सनातन को मजबूत करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि वे अध्यात्म से जुड़े व्यक्ति है। मुख्यमंत्री बनते ही सबसे पहले आदेश जारी किए थे कि प्रदेश में आने वाले संत-मुनियों को स्टेट गेस्ट का दर्जा मिलेगा। उन्होंने मुनि शशांक सागर, पावन सागर, समत्व सागर महाराज सहित अन्य संतों को स्टेट गेस्ट का दर्जा नहीं मिलने को चूक बताते हुए उनसे क्षमा भी मांगी।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (CM Bhajan Lal Sharma) ने कहा कि गलती होना स्वाभाविक है लेकिन उस गलती को स्वीकार करते हुए क्षमा मांग लेना बहुत बड़ा मानवीय गुण है और सामने वाले को क्षमा करना उससे भी बड़ी बात है। उन्होंने कहा कि क्षमा मांगने से कटुता और द्वेष-भाव समाप्त हो जाता है जिससे समाज में शांति एवं सद्भाव का मार्ग प्रशस्त होता है।

शर्मा (CM Bhajan Lal Sharma) रविवार को जयपुर में महावीर पब्लिक स्कूल में राजस्थान जैन सभा द्वारा आयोजित ‘सामूहिक क्षमापन पर्व समारोह’ को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह दिन हमारे आत्मिक शुद्धिकरण का पर्व होने के साथ-साथ समाज के प्रति हमारी जिम्मेदारियों का स्मरण भी करवाता है। जैन धर्म में क्षमा याचना का बहुत महत्व है। क्षमा याचना से आत्म-शुद्धि होती है जिससे संबंधों में सुधार होता है और मानसिक शांति तथा आध्यात्मिक विकास होता है।

मुख्यमंत्री शर्मा (CM Bhajan Lal Sharma) ने क्षमा को सबसे महत्वपूर्ण बताया और जाने-अनजाने में हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगी। उन्होंने कहा कि जैन धर्म ने पूरे विश्व को शांति और सद्भाव का संदेश दिया है। क्षमा ही सबसे बड़ा आभूषण है। इस अवसर पर शर्मा ने सोलहकारण व्रत के 32 एवं 16 उपवास, दशलक्षण पर्व के 10 उपवास करने वाले त्यागीवृत्तियों का सम्मान भी किया।

मुख्यमंत्री (CM Bhajan Lal Sharma) ने कहा कि जैन समाज धार्मिक, सामाजिक और लोक कल्याण के कार्यों में विशेष पहचान रखता है। शिक्षा-स्वास्थ्य क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य तथा गरीब-जरूरतमंदों की सहायता में जैन समाज सदैव अग्रणी रहा है। जैन समाज के अनेक ट्रस्ट और संगठन प्रदेश के विभिन्न अंचलों में अस्पताल, स्कूल और धर्मशालाओं का संचालन कर हर वर्ग के कल्याण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने समाज की मांग पर जैन छात्रावास के लिए जमीन आवंटन करने का सकारात्मक आश्वासन भी दिया। साथ ही, उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री निवास पर संतों-मुनियों का सदैव स्वागत है।

शर्मा (CM Bhajan Lal Sharma) ने कहा कि जैन धर्म का दशलक्षण पर्व मानवता के लिए प्रेरणास्त्रोत है। यह पर्व न केवल आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग दिखाता है, बल्कि सामाजिक सामंजस्य और शांति की भी नींव रखता है। उन्होंने कहा कि इन गुणों का अनुकरण कर हम न केवल अपने जीवन को शुद्ध कर सकते हैं, बल्कि समाज को भी सुखी और समृद्ध बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि जैन धर्म की सत्य, अहिंसा, अपरिग्रह, ब्रह्मचर्य और अस्तेय की शिक्षाएं आज के युग में भी प्रासंगिक हैं। अहिंसा का सिद्धांत शारीरिक, मानसिक और वाचिक हिंसा से दूर रहने की प्रेरणा देता है।

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मुख्यमंत्री (CM Bhajan Lal Sharma) ने कहा कि संतों और ऋषि-मुनियों ने देश की गौरवशाली संस्कृति एवं परम्पराओं को संरक्षित रखने का महती कार्य किया है। मुनियों ने समाज को रास्ता दिखाया और देश की प्रगति में उनका योगदान अप्रतिम है। शर्मा ने कहा कि जैन समाज के मुनि देश भर में भ्रमण कर समाज को आध्यामिक रूप से मजबूत कर रहे है। मुनि शशांक सागर, पावन सागर एवं समत्व सागर महाराज ने अपने उद्बोधन में मुख्यमंत्री शर्मा के व्यक्तित्व को रेखांकित करते हुए उनकी सादगी-सहृदयता की सराहना की। साथ ही, उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सेवाभावी हैं, ये नाम और काम दोंनो से झलकता है।

इस अवसर पर मुनि सुभद्र सागर, अर्चित सागर, शील सागर एवं संदेश सागर भी उपस्थित रहे। समारोह में जयपुर सांसद मंजू शर्मा, मालवीय नगर विधायक कालीचरण सराफ, जयपुर ग्रेटर नगर निगम उप महापौर पुनीत कर्णावट, राजस्थान जैन सभा के अध्यक्ष सुभाष चंद जैन सहित बड़ी संख्या में जैन समाज के लोग शामिल हुए।

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