जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने बुधवार को दौसा में एक डॉक्टर (Doctor) की आत्महत्या के मामले में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी (Senior police officer) को हटाने और एक एसएचओ को निलंबित करने का आदेश दिया। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, गहलोत ने अधिकारियों को दौसा के पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार, लालसोट थाने के निलंबित एसएचओ अंकेश कुमार को हटाने और पुलिस उपाधीक्षक लालसोत शंकर लाल को पदस्थापन आदेशों की प्रतीक्षा में रखने का निर्देश दिया है।
संभागीय आयुक्त जयपुर दिनेश कुमार यादव मामले की प्रशासनिक जांच करेंगे। सीएम गहलोत ने बुधवार शाम अपने आवास पर उच्च स्तरीय बैठक में यह निर्देश दिए है। एक विज्ञप्ति में कहा गया कि बैठक में निर्णय लिया गया कि महिला को आत्महत्या के लिए उकसाने वालों के खिलाफ मामला दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जाए।
दौसा के लालसोट पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के तहत पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बाद अस्पताल में एक गर्भवती महिला की मौत के बाद, डॉ अर्चना शर्मा ने मंगलवार को कथित उत्पीड़न के कारण आत्महत्या कर ली। मुख्यमंत्री ने इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने और आवश्यक सुझाव देने के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) के नेतृत्व में एक समिति गठित करने के भी निर्देश दिए।
समिति में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव, पुलिस और कानून विभागों के वरिष्ठ अधिकारी और डॉक्टर शामिल होंगे।कमेटी सभी कानूनी पहलुओं का अध्ययन करेगी और गाइडलाइन तैयार करेगी, जिसे पूरे राज्य में लागू किया जाएगा। गहलोत ने भी घटना की निंदा की और कहा कि जांच चल रही है और दोषी पाए जाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
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गहलोत ने दिन में पहले ट्वीट करके लिखा कि “दौसा में डॉ अर्चना शर्मा की आत्महत्या की घटना बहुत दुखद है। हम सभी डॉक्टरों को भगवान का दर्जा देते हैं। हर डॉक्टर मरीज की जान बचाने की पूरी कोशिश करता है, लेकिन जैसे ही डॉक्टर पर आरोप लगाना उचित नहीं है। दुर्भाग्यपूर्ण घटना होती है।”