पीएम मोदी

गुजरात दंगे पर पीएम मोदी को क्लीन चिट,विधानसभा में फाइनल रिपोर्ट पेश

570 0

नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार को बुधवार को बड़ी राहत वाली खबर आई है। नानावटी आयोग ने गुजरात में 2002 के दंगों में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को क्लीन चिट दे दी है। बता दें कि इन दंगों में 1000 से अधिक लोग मारे गए थे। गुजरात राज्य के गृह मंत्री प्रदीपसिंह जडेजा ने सदन में आयोग की रिपोर्ट पेश की है।

आयोग ने 1,500 से अधिक पृष्ठों की अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ऐसा कोई सबूत नहीं मिला

इस रिपोर्ट को तत्कालीन सरकार को सौंपे जाने के पांच साल बाद सदन में पेश किया गया है। आयोग ने 1,500 से अधिक पृष्ठों की अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ऐसा कोई सबूत नहीं मिला कि राज्य के किसी मंत्री ने इन हमलों के लिए उकसाया या भड़काया। इसमें कहा गया है कि कुछ जगहों पर भीड़ को नियंत्रित करने में पुलिस अप्रभावी रही, क्योंकि उनके पास पर्याप्त संख्या में पुलिसकर्मी नहीं थे या वे हथियारों से अच्छी तरह लैस नहीं थे।

बेस्ट एक्टर अवार्ड न मिलने से खफा शाहिद कपूर छोड़ दिया इवेंट, नहीं दी परफॉर्मेंस 

नानावती आयोग ने दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ जांच या कार्रवाई करने की सिफारिश की

आयोग ने अहमदाबाद शहर में सांप्रदायिक दंगों की कुछ घटनाओं पर कहा कि पुलिस ने दंगों को नियंत्रित करने में सामर्थ्य, तत्परता नहीं दिखाई जो आवश्यक था। नानावती आयोग ने दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ जांच या कार्रवाई करने की सिफारिश की है। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) जी टी नानावती और गुजरात हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) अक्षय मेहता ने 2002 दंगों पर अपनी अंतिम रिपोर्ट 2014 में राज्य की तत्कालीन मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल को सौंपी थी।

27 फरवरी 2002 को गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस में 59 कारसेवकों को जलाने की घटना के प्रतिक्रिया स्वरूप समूचे गुजरात में दंगे भड़क उठे थे

बता दें कि 27 फरवरी 2002 को गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस में 59 कारसेवकों को जलाने की घटना के प्रतिक्रिया स्वरूप समूचे गुजरात में दंगे भड़क उठे थे। इसकी जांच के लिए तीन मार्च 2002 को तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुप्रीम कोर्ट सेवानिवृत्त जज न्यायमूर्ति जीटी नानावती की अध्यक्षता में एक आयोग का गठन किया था। न्यायमूर्ति केजी शाह आयोग के दूसरे सदस्य थे। 2009 में शाह के निधन के बाद अक्षय मेहता को सदस्य बनाया गया।

शुरू में आयोग को साबरमती एक्सप्रेस में आगजनी से जुड़े तथ्य और घटनाओं की जांच का काम सौंपा गया था, लेकिन जून 2002 में आयोग को गोधरा कांड के बाद भड़की हिंसा की भी जांच करने के लिए कहा गया। पहले पेश की गई रिपोर्ट में आयोग ने साबरमती एक्सप्रेस की बोगी संख्या-छह में आग लगाने को सुनियोजित साजिश का परिणाम बताया था।

आयोग की रिपोर्ट में पीएम मोदी के साथ-साथ तत्कालीन मंत्री हरेन पांड्या, भरत बारोट और अशोक भट्ट को भी राहत दी गई है। हालांकि राहुल शर्मा, आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट और आरबी श्रीकुमार की भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं।

Related Post

दिशा पाटनी की बहन खुशबू

फिल्म इंडस्ट्री से दूर रहकर देश की सेवा कर रही दिशा की बहन खुशबू पाटनी

Posted by - January 20, 2020 0
एंटरटेनमेंट डेस्क। बॉलीवुड की बहुत ही मानी जानी एक्ट्रेस दिशा पाटनी के बारे में तो हर कोई जानते हैं। दिशा…
CM Bhajanlal Sharma

गरीबी हटाने का नारा देने वाली कांग्रेस का गरीब से कभी वास्ता नहीं रहा: सीएम भजनलाल

Posted by - April 21, 2024 0
बाड़मेर-बालोतरा। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (CM Bhajanlal Sharma) ने कहा कि किसान खेती के साथ ही पशुपालन का काम भी करता…
CM Nayab Singh

मनु भाकर और सरबजोत सिंह काे खेल विभाग में उप निदेशक बनाएगी हरियाणा सरकार

Posted by - August 9, 2024 0
मनु भाकर और सरब चंडीगढ़। ओलंपिक खेलों में भारत के लिए तीन कांस्य पदक जीतकर लौटे अंतरराष्ट्रीय निशानेबाज मनु भाकर…