नई दिल्ली। वैलेंटाइन वीक का तीसरा दिन चॉकलेट के नाम है। इस दिन को चॉकलेट डे के रूप में मनाते हैं। पहले दिन रोज डे और दूसरा दिन प्रपोज डे के तौर पर लोग मना चुके हैं। अब बारी है चॉकलेट डे की।
वैलेंटाइन वीक का तीसरा दिन चॉकलेट डे
गुलाब का फूल देकर जिस प्रेम की कहानी का आगाज किया था। उसका तीसरा दिन चॉकलेट डे होता है। इसलिए प्यार करने वाले इसे कतई हल्के में न लें। वैलेंटाइन वीक में जितना महत्व रोज डे और प्रपोज डे का था। उससे कहीं अधिक महत्व चॉकलेट डे का है। क्योंकि जब प्रपोज कर दिया जाता है तो जरूरत महसूस होती है एक दूसरे को अच्छे ढंग से समझने की। एक दूसरे के साथ अधिक से अधिक समय बिताने की। जिसका जरिया बनती है चॉकलेट।
भारत में रोज डे और प्रपोज डे के बाद अपने प्यार का मुंह मीठा करने के नाते चॉकलेट को शगुन के तौर पर हैं खिलाते
9 फरवरी को पूरी दुनिया में चॉकलेट डे मनाया जाता है। लव कपल इस दिन का वर्ष भर इंतजार करते हैं। चॉकलेट को प्यार के प्रतीक के तौर पर देखते हैं। वहीं भारत में इसे शगुन के तौर पर भी देखा जाता है। भारत में रोज डे और प्रपोज डे के बाद अपने प्यार का मुंह मीठा करने के नाते चॉकलेट को शगुन के तौर पर खिलाते हैं।
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चॉकलेट का इतिहास चार हजार साल पुराना है। इसलिए जो लोग चॉकलेट डे को सेलिब्रेट करने जा रहे हैं। वे इसको लेकर थोड़ा ज्ञान भी बढ़ा लें। ताकि अगर आपका लव पार्टनर इसके बारे में कुछ पूछ लें तो शर्मिंदा न होना पड़े। चॉकलेट को बनाने का श्रेय अमेरिका को जाता है। आज की तरह की इसका स्वाद मीठा नहीं था, शुरूआत में इसका स्वाद कसेला और तीखा हुआ करता था। चॉकलेट कोको से बनाई जाती है। अमेरिका में इसके पेड़ बड़ी संख्या में पाए जाते हैं, लेकिन अफ्रीका दुनिया का बड़ा आपूर्ति करने वाला देश है। 70 फीसदी कोको की आपूर्ति अफ्रीका से ही होती है।
चॉकलेट स्वादिष्ट होने के साथ साथ शरीर को एनर्जी भी प्रदान करती है। चॉकलेट की लोकप्रियता को देखते हुए बाजार में चॉकलेट से बने आइटमों की बहार है। चॉकलेट सेहत के लिए लाभदायक भी होती है। चॉकलेट कोलेस्ट्रोल की मात्रा को भी नियंत्रित करती है।