अमेरिका और यूरोप के कई देशों पर चीन लगातार साइबर हमले कर रहा है। चीनी हैकर रैनसमवेयर अटैक कर दुश्मन देशों से क्रिप्टो करेंसी में पैसों की वसूली कर रहे हैं। ये आरोप अमेरिका की 3 जांच एजेंसियों ने जॉइंट स्टेटमेंट जारी कर सोमवार को चीन पर लगाए हैं।
स्टेटमेंट में कहा गया है कि चीन की सरकार ही दुश्मन देशों पर ये हमले करवाती है। ऐसा पहली बार है, जब नाटो देशों के ग्रुप और यूरोप ने चीन के साइबर हमलों की खुलकर आलोचना की है। एडवायजरी को ‘चीन का स्टेट- स्पॉन्सर्ड साइबर ऑपरेशन’ टाइटल दिया गया है।
अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपियन यूनियन के सभी देश, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूजीलैंड, जापान और नाटो ग्रुप के सभी देशों ने साइबर हमलों के लिए चीन की आलोचना की है। इन देशों ने कहा है कि चीन का रक्षा मंत्रालय अपने साइबर एक्टिविस्ट से ये हमले करवा रहा है।
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स्टेटमेंट में कहा गया है कि चीन के हैकर खासतौर पर ऐसे सेक्टर को टारगेट करते हैं, जो देश की अर्थव्यवस्था में बड़ी भूमिका निभाता है। इसमें सर्विस प्रोवाइडर्स, सेमीकंडक्टर कंपनी, डिफेंस इंडस्ट्री, यूनिवर्सिटी, मेडिकल इंस्टीट्यूशन शामिल हैं। चीन ये सोची समझी रणनीति के तहत करता है। जॉइंट स्टेटमेंट में ऐसे 50 तरीके बताए गए हैं, जिनके जरिए चीन अमेरिका और उसके सहयोगी देशों पर साइबर हमला करता है।