लखनऊ । नये साल के जश्न में शहर के कई प्रमुख पार्कों, माल और चिड़ियाघर में अभिभावकों के साथ ही बच्चों की भारी भीड़ देखकर ऐसा नहीं लगता कि उनके मन में कोरोना को लेकर कोई डर समाया हुआ है। नये साल पर कल इन जगहों पर बच्चों की भारी भीड़ देखने को मिली, वह भी बिना मास्क व सामाजिक दूरी के। ठीक ऐसा ही दृश्य क्रिसमस के अवसर पर भी देखा गया था। ऐसे में बच्चों के जीवन व भविष्य को दिशा व आकार देने वाले स्कूलों में शिक्षक अभी भी बच्चों के स्कूल आने का इंतजार ही कर रहे हैं।
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जबकि इन स्कूलों में कोरोना प्रोटोकाल के मार्गदर्शन एवं दिशा-निर्देशों का पूरी तरह से पालन भी किया जा रहा है। इन परिस्थितयों में अब सरकार को बच्चों के हित को ध्यान में रखते हुए आदेश जारी करके अति शीघ्र बच्चों के लिए स्कूलों को खोल देना चाहिए। यह मांग की है अनएडेड प्राइवेट स्कूल्स एसोसियेशन, उत्तर प्रदेश के पदाधिकारियों ने।
अनिल अग्रवाल ने बताया कि एसोसिएशन ने इस सम्बन्ध में प्रमुख सचिव, माध्यमिक शिक्षा, उत्तर प्रदेश शासन को पहले भी एक पत्र लिखा है। इसके साथ ही एसोसिएशन ने सरकार ने यह भी मांग की है कोरोना वैक्सीन को उपलब्ध कराने में स्कूल के शिक्षकों एवं बच्चों को भी प्राथमिकता दी जाये। यही समय की मांग भी है।
अनिल अग्रवाल ने बताया कि अभी हाल ही में कई सर्वेक्षणों में यह बात सामने आई है कि आनलाइन पढ़ाई बच्चों के बौद्धिक विकास में बाधक बन रही है। ऐसे में कोरोना काल में आनलाइन पढ़ाई एक मजबूरी थी, जिसके लिए भी शिक्षकों ने काफी मेहनत करके बच्चों की पढ़ाई में कोई व्यवधान पैदा नहीं होने दिया और अब इन सर्वेक्षणों के बाद स्कूलों की चिंता बच्चों के पढ़ाई के प्रति काफी बढ़ गई है।
अनिल अग्रवाल ने बताया कि एसोसिएशन से जुड़े हुए स्कूलों ने भी यह बताया है कि उनके द्वारा आनलाइन सम्पादित कराई गई परीक्षाओं में जिन छात्रों ने अच्छे अंक हासिल किये थे, उन्हीं छात्रों के आफलाइन परीक्षा में अत्यन्त ही खराब अंक आये हैं। ऐसे में यह जरूरी है कि बच्चों के हित को ध्यान में रखते हुए स्कूलों को अति शीघ्र खोला जायें और जिसकी मांग एसोसिएशन काफी समय से उत्तर प्रदेश सरकार से करता आ रहा है।