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Chhath Puja: खरना छठ पूजा का विशेष महत्व, जानें मुहूर्त

लखनऊ डेस्क। छठ का दूसरा दिन है, इस दिन को खरना कहा जाता है। इससे पहले नहाय-खाय के दिन व्रत रखने वाले व्यक्ति स्नान के बाद व्रत का संकल्प लिए होंगे। खरना के दिन शाम को व्रती महिलाएं गुड़ और चावल का खीर बनाती हैं और उसे खाकर ही 36 घंटे का निर्जला व्रत रखती हैं। खरना के शाम से लेकर उगते सूर्य को अर्घ्य देने तक बिना कुछ खाए-पीए व्रत रखना होता है।

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आपको बता दें  02 नवंबर को रवि योग बन रहा है। इसी योग में सूर्य को शाम को अर्घ्य भी देना है। ज्योतिष के अनुसार, रवि योग का संबंध सूर्य देव से है, यह योग सभी बाधाओं को दूर करने वाला होता है।

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जानकारी के मुताबिक खरना और लोहंडा के दिन शाम को महिलाएं मिट्टी के बनाए गए चूल्हे पर चावल का खीर बनाती हैं। इसमें चीनी की जगह गुड़ का प्रयोग होता है। इसके साथ गुड़ की मीठी पूरी और अन्य पकवान बनाए जाते हैं।

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