लखनऊ डेस्क। पर्व छठ पूजा डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य दिए बिना पूर्ण नहीं हो सकता है। कार्तिक शुक्ल षष्टी तिथि की शाम को डूबते सूर्य को संध्या अर्घ्य दिया जाता है। संध्या अर्घ्य। सूर्योदय: सुबह 06:33 बजे, सूर्यास्त: शाम 05:35 बजे का है।
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आपको बता दें सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए तांबे के पात्र का प्रयोग करें। इसमें दूध और गंगा जल मिश्रित करके पूजा के पश्चात सूर्य देव को अर्घ्य दें। इस दिन अन्न व जल ग्रहण किये बिना उपवास किया जाता है।
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जानकारी के मुताबिक कार्तिक शुक्ल सप्तमी तिथि 03 नवंबर की सुबह सूर्योदय के समय सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं। भगवान सूर्य की आराधना साल में दो बार की जाती है। पहले उनकी पूजा चैत्र शुक्ल षष्ठी तिथि और दूसरी र्तिक शुक्ल षष्ठी के दिन भगवान सूर्यनारायण की पूजा की जाती है। लेकिन कार्तिक शुक्ल षष्ठी को छठ को मुख्य पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस दिन का विशेष महत्व है। छठ पूजा चार दिनों तक की जाती है।