नई दिल्ली। महाशिवरात्रि (Mahashivratri) के दिन भगवान शिव के साथ साथ शिव परिवार की भी पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव और माता पार्वती का मिलन हुआ था। महाशिवरात्रि पर की जाने वाली पूजा कई प्रकार के कष्टों को दूर करती है। वहीं ग्रहों के दोष को भी दूर करने में सहायक मानी गई है।
महाशिवरात्रि (Mahashivratri) पर इन ग्रहों की करें शांत
महाशिवरात्रि (Mahashivratri) पर भगवान शिव की पूजा करने से शनिदेव, राहु, मंगल और चंद्रमा की विशेष शांति होती है। इसके साथ ही अन्य ग्रहों का भी दोष दूर होता है।
शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या
मिथुन राशि और तुला राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है, वहीं धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है, इसके साथ ही जिन लोगों की कुंडली में शनिदेव अशुभ फल प्रदान कर रहे हैं, उन्हें महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की विधि पूर्वक पूजा करने से लाभ मिलता है।
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भगवान शिव मनचाहे वर की कामना पूर्ण करते हैं
महाशिवरात्रि का व्रत मनचाहे वर की कामना को भी पूर्ण करता है। इसके साथ ही शादी विवाह में आने वाली बाधाओं को भी दूर करने में महाशिवरात्रि का व्रत उत्तम माना गया है।
महाशिवरात्रि पर इन मंत्रों का जाप करें
महामृत्युंजय मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
भगवान शिव का मूल मंत्र
ऊँ नम: शिवाय
रूद्र गायत्री मंत्र
ॐ तत्पुरुषाय विदमहे, महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात्।।
महामृत्युंजय गायत्री मंत्र
ॐ हौं जूं स: ॐ भूर्भुव: स्व: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवद्र्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्व: भुव: ॐ स: जूं हौं ॐ ॥
इन बातों का ध्यान रखें
महाशिवरात्रि के दिन कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए तभी पूर्ण लाभ प्राप्त होता है। महाशिवरात्रि के दिन मन में गलत विचार नहीं आने चाहिए, हर प्रकार के गलत कार्यों से दूर रहना चाहिए। किसी का अनादर और क्रोध नहीं करना चाहिए।