नई दिल्ली। नासा ने भारत के महत्वकांक्षी चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर का मलबा मिलने का दावा किया। इसके साथ ही उसकी एक तस्वीर साझा की है। बता दें कि विक्रम लैंडर की सात सितंबर को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने की भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की कोशिश नाकाम रही थी।
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तस्वीर में लैंडर के हिस्से कई किलोमीटर तक लगभग दो दर्जन स्थानों पर बिखरे हुए हैं
इसकी लैंडिंग से कुछ मिनट पहले लैंडर का इसरो से सम्पर्क टूट गया था। नासा ने अपने ‘लूनर रिकॉनसन्स ऑर्बिटर’ (एलआरओ) से ली गई तस्वीर में अंतरिक्ष यान से प्रभावित स्थल व उस स्थान को दिखाया है। जहां मलबा हो सकता है। जारी तस्वीर में लैंडर के हिस्से कई किलोमीटर तक लगभग दो दर्जन स्थानों पर बिखरे हुए हैं।
The #Chandrayaan2 Vikram lander has been found by our @NASAMoon mission, the Lunar Reconnaissance Orbiter. See the first mosaic of the impact site https://t.co/GA3JspCNuh pic.twitter.com/jaW5a63sAf
— NASA (@NASA) December 2, 2019
मुख्य दुर्घटनास्थल से लगभग 750 मीटर उत्तर पश्चिम में पहले टुकड़े की पहचान
नासा ने एक बयान में कहा कि उसने स्थल की एक तस्वीर 26 सितम्बर को साझा की। इसके साथ ही लोगों से उस तस्वीर में लैंडर के मलबे को पहचानने की अपील की है। नासा ने कहा कि शनमुगा सुब्रमण्यन ने एलआरओ परियोजना से संपर्क किया। मुख्य दुर्घटनास्थल से लगभग 750 मीटर उत्तर पश्चिम में पहले टुकड़े की पहचान की है।
मैकेनिकल इंजीनियर शनमुगा सुब्रमण्यम ने नासा की तस्वीरों का इस्तेमाल करते हुए विक्रम लैंडर के मलबे को ढूंढ निकालने में अहम भूमिका निभाई
पेशे से मैकेनिकल इंजीनियर शनमुगा सुब्रमण्यम ने नासा की तस्वीरों का इस्तेमाल करते हुए विक्रम लैंडर के मलबे को ढूंढ निकालने में अहम भूमिका निभाई है। अपनी इस खास उपलब्धि पर शनमुगा ने कहा कि मुझे चांद की सतह पर कुछ अलग सा दिखा, मुझे लगा कि ये विक्रम लैंडर का मलबा ही होगा। फिर आज नासा ने भी इसकी पुष्टि कर दी।
Shanmuga Subramanian, an amateur astronomer from Chennai: I spent 7-8 hours each day for 4-5 days on this. This is something that can be done by anyone with right knowledge. This should inspire a lot of people. https://t.co/E44mUEAiid
— ANI (@ANI) December 3, 2019
लेनोक्स इंडिया टेक्नोलॉजी सेंटर चेन्नई में 4-5 दिन तक रोजाना 7-8 घंटे इसमें लगाए
उन्होंने कहा कि मैंने 4-5 दिन तक रोजाना 7-8 घंटे इसमें लगाए। सही जानकारी के साथ इसे कोई भी कर सकता था। इससे कई लोग प्रेरित होंगे। बता दें कि शनमुगा सुब्रमण्यम एक मैकेनिकल इंजीनियर और कंप्यूटर प्रोग्रामर हैं । जो लेनोक्स इंडिया टेक्नोलॉजी सेंटर चेन्नई में काम करते हैं। मदुरई के रहने वाले शनमुगा इससे पहले कॉग्निजेंट में प्रोग्राम एनालिस्ट के तौर पर भी काम कर चुके हैं।