लखनऊ डेस्क। इसरो के इतिहास में यह पहली बार हुआ है जब किसी अंतरिक्ष मिशन की कमान दो महिला वैज्ञानिकों के हाथों में थी। इसमें वनिता मुथैया चन्द्रयान-2 मिशन में प्रोजेक्ट डायरेक्टर हैं। दूसरी वैज्ञानिक रितु करिढाल मिशन डायरेक्टर के रूप में इस मिशन पर काम कर रही थी। कुछ और महिला वैज्ञानिक भी हैं जिन्होंने इस मिशन के जरिए सफलता का आसमान छुआ है।
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आपको बता दें वनिता मुथैया चंद्रयान मिशन की परियोजना निदेशक हैं।वहीँ रितु करिधाल चंद्रयान-2 में मिशन डायरेक्टर हैं। वह मंगलयान में डिप्टी ऑपरेशन डायरेक्टर रही थीं। सोमसुंदरम ने मंगलयान मिशन में भी बड़ा योगदान दिया।
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जानकारी के मुताबिक अनुराधा इसरो की महिला वैज्ञानिकों में सबसे वरिष्ठ हैं। उन्होंने 1982 में एजेंसी ज्वाइन की थी। वह पहली महिला उपग्रह परियोजना निदेशक हैं। अनुराधा अभी यूआर राव अंतरिक्ष केंद्र में जियोसैट प्रोग्राम डायरेक्टर हैं। वह जियो सैटेलाइट की लाचिंग से जुड़े कार्यों की देखरेख करती हैं। उनकी उम्र लगभग 9 साल रही होगी, जब उन्होंने यह जाना कि चंद्रमा पर पहुंचने वाले पहले अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग थे।