राजस्थान, मध्यप्रदेश में भारी बारिश और काली सिंध से छोडे़ गए पानी के कारण चंबल नदी में जलस्तर बढ़ने का सिलसिला जारी है। इससे आगरा जिले के पिनाहट क्षेत्र में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। प्रशासन ने नदी से तटवर्ती कई गांवों में अलर्ट जारी किया है। ग्रामीणों को नदी किनारे न जाने की चेतावनी जारी की गई है। इधर, गोकुल बैराज से करीब 42 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद यमुना नदी का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है।
जिलाधिकारी प्रभु एन. सिंह ने मंगलवार को एसडीएम के साथ चंबल नदी से सटे कई गांवों का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि चंबल में जलस्तर बढ़ रहा है। तटवर्ती इलाकों में अलर्ट जारी किया गया है। सिंचाई विभाग की टीमें निगरानी बनाए हुए हैं। बता दें कि पिनाहट में चंबल नदी में खतरे का निशान 132 मीटर है। मंगलवार सुबह 10 बजे तक जलस्तर 127.80 मीटर पर पहुंच गया।
जिलाधिकारी प्रभु एन. सिंह ने मंगलवार की सुबह चंबल नदी के तटवर्ती गांव गोहरा, रानीपुरा और भटपुरा में पहुंचकर हालात का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि अभी तक चंबल नदी का जलस्तर 127.8 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान से कम है।
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जिलाधिकारी ने कहा कि वर्ष 1996 में चंबल नदी का जलस्तर 137 मीटर और वर्ष 1999 में 137 मीटर रहा। उस समय इस क्षेत्र में बाढ़ आई थी। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में जलस्तर और बढ़ेगा। इसे लेकर बाढ़ चौकियां बनाई गई हैं। गांवों में अलर्ट जारी किया है।