लखनऊ। बाइक किराए पर लगाने का झांसा देकर 500 करोड़ रुपये से अधिक ठगी कर हेलो राइड कंपनी का चेयरमैन अभय कुशवाहा सऊदी अरब भाग गया है। यह चौंकाने वाली बात सामने आई गोमतीनगर इलाके से गिरफ्तार कर किए ठगी कंपनी के निदेशक व अभय के सगे छोटे भाई निखिल कुशवाहा से STF की पूछताछ में खुलासा हुआ है।
कंपनी का ऑफिस विभूतिखंड के साइबर हाइट्स टॉवर में था
उसने फरार अभय समेत कंपनी के अन्य अधिकारियों-कर्मचारियों के बारे में जानकारियां दी हैं। विभूतिखंड पुलिस उसे रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है। STF के एसएसपी राजीव नारायण मिश्र ने बताया कि निखिल कुशवाहा मूलरूप से कौशांबी का है। यहां जानकीपुरम में 60 फिटा रोड स्थित जानकी विहार में रह रहा था। वह बड़े भाई अभय कुशवाहा की कंपनी हेलो राइड में निदेशक के पद पर था। कंपनी का ऑफिस विभूतिखंड के साइबर हाइट्स टॉवर में था। अभय और निखिल ने बाइक किराए पर चलाने का झांसा देकर प्रदेश के विभिन्न जनपद के लोगों से 500 करोड़ रुपये से अधिक रकम बटोरी और भाग गए।
हजारों पीड़ितों ने अभय, निखिल कुशवाहा, नीलम वर्मा, राजेश पांडेय, राम जनम मौर्या, आजम सिद्दीकी, शकील अहमद खान समेत अन्य लोगों के खिलाफ विभिन्न थानों में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। विभूतिखंड पुलिस ने 12 मार्च 2019 की शाम शातिर अभय को गिरफ्तार करके जेल भेजा। हालांकि, दो महीने बाद जमानत पर बाहर आया और कुछ दिन बाद जनता का सारा रुपया बटोरकर सऊदी चला गया। पुलिस अभय के सऊदी में होने की पड़ताल कर रही है।
हेलो राइड कंपनी के चेयरमैन अभय कुशवाहा ने नौ जुलाई 2018 को इंदिरागांधी प्रतिष्ठान में कंपनी की शुरुआत की थी। विभूतिखंड के साइबर हाइट्स टॉवर और नोएडा में ऑफिस खोलकर एक बाइक का 61 हजार रुपया कंपनी में जमा करने पर हर महीने 9585 रुपये देने की योजना शुरू की। अभय कुशवाहा ने इस योजना से उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में लोगों से करोड़ों रुपये जुटाए और ऑफिस बंद करके भाग गया।
ओजोन इनफिनिटी वर्ल्ड एग्रो नाम से कंपनी बनाकर कर की ठगी
एसटीएफ के एएसपी विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि धोखाधड़ी के सैकड़ों मुकदमों में वांछित शातिर निखिल कुशवाहा लखनऊ में चोरी-छिपे ओजोन इनफिनिटी वर्ल्ड एग्रो नाम से दूसरी कंपनी बनाकर डेली डिपॉजिट स्कीम चला रहा था। उक्त कंपनी एक साल पूरा होने पर आकर्षक ब्याज के साथ रकम वापस करने का झांसा देती थी। कंपनी ने लखनऊ के अलावा बिहार के मुजफ्फरपुर, पंजाब के मोहाली, पठानकोट और जीरकपुर में ऑफिस खोले थे।