सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की कार्यशैली को लेकर शनिवार को नाराजगी जाहिर की, और उनसे उनकी सफलता दर की रिपोर्ट मांगी है। सीबीआई द्वारा एक मामले में 542 दिनों बाद याचिका दायर करने पर सुनवाई करते हुए जस्टिस संजय किशन और जस्टिस एम सुंदरेश ने कई अहम बात कही। कोर्ट ने कहा- एजेंसी का काम सिर्फ मामला दर्ज करना या जांच करना नहीं है बल्कि यह भी सुनिश्चित करना है कि कितने मामलों में दोषियों को सजा दिलवाई गई।
जजों ने सीबीआई द्वारा जांच किए जा रहे मामलों एवं सफलतापूर्वक की गई जांच का पूरा ब्योरा मांगा है, ऐसे में अनुमान है कि वह सीबीआई की सक्सेस रेट देखना चाहते हैं। कोर्ट ने सीबीआई के निदेशक से पूछा है कि कानूनी प्रक्रिया के संबंध में एजेंसी को मजबूत करने के लिए क्या कदम उठा रहे हैं या उठाए जा चुके हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई निदेशक को निर्देश दिया है कि वह उन मामलों की संख्या को कोर्ट के सामने रखें, जिनमें एजेंसी ट्रायल कोर्ट और हाईकोर्टों में अभियुक्तों को दोषी ठहराने में सफल रही। दो जजों जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एम सुंदरेश की पीठ ने कहा कि एजेंसी के लिए केवल मामला दर्ज करना और जांच करना ही काफी नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना भी है कि अभियोजन सफलतापूर्वक किया जाए।
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सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के दौरान काफी सख्त नजर आया। इस दौरान सीबीआई के कार्यप्रणाली को लेकर कई सख्त टिप्पणियां भी की गईं। पीठ ने कहा कि सीबीआई के लिए केवल मामला दर्ज करना और जांच करना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना भी है कि अभियोजन सफलतापूर्वक किया जाए। अदालत ने पहले की सुनवाई में कहा था कि ‘कर्तव्यों को निभाने में घोर लापरवाही की एक गाथा’ है, जिसके परिणामस्वरूप अदालतों में मामले दर्ज करने में अत्यधिक देरी हु।