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सीबीआई ने बंगाल के डीजीपी से मांगा हत्या व दुष्कर्म के मामलों का ब्योरा

पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा के मामलों की जांच के लिए सीबीआई सक्रिय हो गई है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के डीजीपी से चुनाव बाद राज्य में हुई हत्याओं व दुष्कर्म के मामलों का ब्योरा मांगा है। सीबीआई के अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

कलकत्ता हाईकोर्ट ने गुरुवार को ही चुनाव बाद हिंसा की जांच सीबीआई से कराने का आदेश दिया है। कोर्ट ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की एक कमेटी की सिफारिश के आधार पर सीबीआई को जांच का आदेश दिया है। यह ममता सरकार को बड़ा झटका माना जा रहा है।

चुनाव बाद हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक के बाद एक झटके लग रहे हैं। पहले तो कलकत्ता हाईकोर्ट ने हिंसा की जांच सीबीआई से कराने पर सहमति दी और अब कोर्ट ने मानव अधिकार आयोग की समिति की रिपोर्ट को दुरुस्त बताया है। कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायामूर्ति आईपी मुखर्जी का कहना है कि मानव अधिकार आयोग की समिति के दुराग्रह से ग्रसित होने के आरोप में कोई दम नहीं है।

समिति ने अपनी रिपोर्ट में जो सिफारिशे की हैं, उन पर विचार किया गया और वकीलों की दलीलों को भी सुना गया है। हाईकोर्ट ने कहा कि समिति के पास जांच करने व तथ्यों को पेश करने का पूरा अधिकार था। क्योंकि, इसका आदेश उन्हें पांच जजों वाली पीठ ने दिया था।

हाईकोर्ट की पांच जजों वाली पीठ ने दुष्कर्म, दुष्कर्म की कोशिश, हत्या जैसे अपराधों की सीबीआई जांच तथा बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा के अन्य मामलों की जांच के लिए तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की एसआईटी गठन के भी आदेश दिए हैं।

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उधर, सीबीआई से जांच कराने के हाईकोर्ट के फैसले के विरोध में याचिकाकर्ता वकील अनिंद्य सुंदर दास ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। उनका कहना है कि मैंने यह प्रतिवाद इसलिए दायर किया है क्योंकि मैं नहीं चाहता मुझे सुने बिना कोई भी निर्णय मेरे खिलाफ पारित किया जाए।

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