महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपये की वसूली करने के आरोप वाले केस में सीबीआई ने गुरुवार को उनके वकील को गिरफ्तार कर लिया है। वकील को ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली लाया गया है। बता दें कि इस मामले में अब तक सीबीआई के सब-इंस्पेक्टर समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। गिरफ्तार दोनों व्यक्तियों को अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि डागा को मुंबई से गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली लाया गया है। साथ ही बताया कि वकील को, गिरफ्तार किए गए सीबीआई के उपनिरीक्षक अभिषेक तिवारी के साथ यथोचित अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा। तिवारी को डागा से कथित तौर पर रिश्वत लेने के लिए बुधवार की रात हिरासत में लिया गया था। अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने डागा और तिवारी के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
सीबीआई के प्रवक्ता आर सी जोशी ने कहा, “सीबीआई ने अवैध पारितोषण समेत कुछ अन्य आरोपों को लेकर अपने उपनिरीक्षक, नागपुर के एक वकील और अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। जांच के दौरान, सीबीआई ने उपनिरीक्षक को गिरफ्तार किया। वकील से पूछताछ की जा रही है। प्रयागराज और दिल्ली में छापेमारी की गई।”
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देशमुख को कथित तौर पर क्लीन चिट देने की प्राथमिक जांच की रिपोर्ट शनिवार रात लीक हो गई जिससे एजेंसी को शर्मिंदगी उठानी पड़ी। सीबीआई ने इस रिपोर्ट के लीक होने की जांच शुरू की जिसमें सामने आया कि प्रारंभिक जांच के निष्कर्ष प्रभावित हैं। एक अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया, “अनिल देशमुख की टीम का प्रयास बंबई उच्च न्यायालय की अवमानना करने वाला रहा, जिसने निर्देश दिया था कि सभी संबंधितों को प्रारंभिक जांच के समय सीबीआई के साथ पूरा सहयोग करना चाहिए। इस मामले में ऐसा सामने आया कि देशमुख की टीम ने प्रारंभिक जांच को विफल करने की कोशिश की।”