इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने अधिकरण के विरोध में 23फरवरी से चल रही हडताल स्थगित कर दी है और न्यायिक प्रक्रिया के जरिए अधिकरण के मामले का समाधान निकालने का फैसला लिया है।शुक्रवार 12 मार्च से न्यायिक कार्य पुन: बहाल होगा। अमरेन्द्र नाथ सिंह की अध्यक्षता मे हुई बार एसोसिएशन की आम सभा मे ध्वनिमत से प्रस्ताव पारित किया गया। सभा का संचालन महासचिव प्रभाशंकर मिश्र ने किया। हडताल स्थगित रखने का प्रस्ताव अध्यक्ष ने रखा। आम सभा में तय किया गया कि वरिष्ठ अधिवक्ता जीके सिंह की वरिष्ठ अधिवक्ताओं की कमेटी लखनऊ खंडपीठ में विचाराधीन जनहित याचिका पर बार एसोसिएशन पक्षकार बनकर विरोध करेगी।
साथ ही प्रधानपीठ प्रयागराज मे विचाराधीन याचिका पर बार एसोसिएशन अपना पक्ष रखेगी। इसके अलावा व्यापार संगठन के साथ बैठकर प्रदेश बंद की योजना तैयार करेगी।जिसमें समय लगेगा। अमरेंद्र सिंह ने कहा कि जब हम न्यायिक प्रक्रिया का तहत विरोध करने जा रहे हैं तो हड़ताल जारी रखने का औचित्य नहीं है। बार एसोसिएशन के आह्वान पर मंगलवार नौ मार्च को प्रयागराज बंद सफल रहने पर व्यापार संगठनों सहित अन्य सभी संगठनो का आभार व्यक्त किया।और कहा कि बार एसोसिएशन सिद्धांतों की लड़ाई जारी रखेगा। एसोसिएशन का मानना है कि अभी तक गठित अधिकरणों ने वादकारियों को केवल उलझाए रखा है।
पीसीएस का आवेदन भरने में हुई गलती
जिस उद्देश्य से इनका गठन किया गया था, वह पूरा करने में विफल रहे हैं।इसीलिए शिक्षक संघ भी शिक्षा सेवा अधिकरण का विरोध कर रहे हैं।उन्हे हाईकोर्ट से बेहतर व सुलभ न्याय मिल रहा है।एसोसिएशन का मानना है कि सरकार को शिक्षा अधिकरण वापस लेकर जनता को त्वरित न्याय देने में अदालतों का सहयोग करना चाहिए। बार आंदोलन में युवा अधिवक्ताओं की भागीदारी की सराहना की गई। तय किया गया कि न्यायिक कार्य करते हुए न्यायिक प्रक्रिया से विरोध जारी रखा जाएगा।बार एसोसिएशन के इस निर्णय का तमाम संगठनों ने स्वागत किया है।
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा हड़ताल स्थगित करने के प्रस्ताव पर बार के ही संयुक्त सचिव प्रशासन अभिषेक शुक्ल और संयुक्त सचिव लाइब्रेरी दिलीप पांडेय व तीन अन्य कार्यकारिणी समिति के सदस्यों ने असहमति जताई है। इनका मत है कि शुक्रवार को भी हड़ताल जारी रखते हुए सोमवार से न्यायिक कार्य शुरू किया जाए। उन्होंने मुख्य न्यायाधीश को इस आशय का पत्र भी लिखा है। हालांकि बार के महासचिव प्रशाशंकर मिश्र का कहना है कि कार्यकारिणी द्वारा बहुमत से आम सभा में पारित प्रस्ताव ही मान्य है। शुक्रवार से विधिवत न्यायिक कार्य होगा। कैट बार एसोसिएशन ने हाईकोर्ट बार द्वारा हड़ताल स्थगित करने के प्रस्ताव को देखते हुए कैट में न्यायिक कार्य बृहस्पतिवार 11 मार्च से शुरू करने का निर्णय लिया है। बार के उपाध्यक्ष जितेंद्र नायक ने बताया कि चूंकि 11 मार्च को महाशिवरात्रि महापर्व है इसलिए विभागाध्यक्ष को न्यायिक कार्य पर वापस लौटने और कोई प्रतिकूल आदेश पारित न करने का भी प्रस्ताव भेजा गया।