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जोशीमठ आपदा प्रभावितों के लिए प्रस्तावित नीति पर मंत्रिमंडल ने लगाई मुहर

Joshimath Disaster

Joshimath Disaster

देहरादून। धामी सरकार (Dhami Government)  ने बुधवार को मंत्रिमंडल बैठक में जोशीमठ आपदा ( Joshimath Disaster) प्रभावितों के भूमि व भवनों के मुआवजे के साथ स्थायी विस्थापन के प्रस्तावित नीति पर निर्णय लिया। इस नीति को विकल्प के आाधर तीन भागों बांटा गया है।

आपदा प्रबन्धन एवं पुनर्वास विभाग की ओर से यह प्रस्ताव लाया गया है, जिसमें तकनीकी संस्थानों की रिपोर्ट आने के पश्चात भूमि के मुआवजे की दरों का निर्धारण किया जायेगा। पुनर्वास नीति को तीन भाग में रखा गया। व्यावसायिक भवनों को लेकर 5 स्लैब बनाए गए, उसी हिसाब से सरकार भूमि की मुआवजा देगी। इसकी दरें अगली मंत्रिमंडल में आएगी। भूमि का मुआवजा लेने के साथ ही 75 वर्ग मीटर जमीन ले सकते हैं। अगर इससे ज्यादा जमीन है तो बाकी का मुआवजा दुकान मालिक को 15 वर्ग मीटर, किरायेदार को 2 लाख और दुकान के लिए जमीन पट्टेदार या अपनी जमीन न होने वालों को अपने बिजली और पानी के बिल देने होंगे। 2 जनवरी से पहले ईंट की बनी आवास 31000/ वर्ग मीटर (रुपये प्रति वर्ग मीटर) आरसीसी 36000/ वर्ग मीटर कॉमर्शियल के लिए-ईंट का बना है तो 39000 आरसीसी के लिए 40000 दी जायेगी।

1.भवनों मुआवजे की दर-

(क) आवासीय भवनों हेतु दरें – भवनों की लागत सीपीडब्ल्यूडी की प्लिंथ एरिया दरों में कोस्ट इंडेक्स लगाकर निकाली जायेगी।

(ख) दुकान और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान (होटल, ढाबे आदि) के निर्मित भवन के लिए 5 क्षति स्लैब निर्धारण के अनुसार मुआवजा मिलेगा।

(II) आपदा प्रभावितों के स्थायी पुनर्वास के लिए विकल्प-

(क) आपदा प्रभावित आवासीय भू-भवन स्वामी निम्न विकल्प 1, 2 अथवा 3 में से एक विकल्प का चयन कर सकते हैं-

विकल्प-1

आपदा प्रभावित अपने क्षतिग्रस्त आवासीय भवन का मुआवजा निर्धारित दर पर व भूमि का मुआवजा तकनीकी संस्थानों की रिपोर्ट के आधार पर भविष्य में निर्धारित होने वाली दरों के आधार पर प्राप्त कर सकते हैं।

विकल्प-2

आपदा प्रभावित व्यक्ति द्वारा भवन का मुआवजा प्राप्त करते हुये आवासीय भवन के निर्माण हेतु अधिकतम क्षेत्रफल 75 वर्ग मी. (50 मीटर भवन निर्माण हेतु तथा 25 मीटर गौशाला / अन्य कार्यों ) तक की भूमि प्रदान की जा सकती है।

विकल्प-3

आपदा प्रभावित की ओर से अपनी भूमि व भवन के सापेक्ष निर्मित आवासीय भवन की मांग की जा सकती है। अधिकतम 50 वर्ग मीटर क्षेत्रफल की सीमा तक की भूमि पर भवन निर्माण कर दिया जायेगा और 25 मीटर भूमि गौशाला / अन्य कार्यों के लिए दी जाएगी।

(ख) दुकान / अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान (होटल, ढाबे आदि) के लिये निम्नलिखित विकल्प संख्या-4, 5 एवं 6 में से किसी एक विकल्प का चयन कर सकते हैंः-

विकल्प-4

आपदा प्रभावित अपने क्षतिग्रस्त व्यवसायिक भवन / दुकान का मुआवजा निर्धारित दर पर होगा। भूमि का मुआवजा तकनीकी संस्थानों की रिपोर्ट के आधार पर भविष्य में निर्धारित दरों के आधार पर मिलेगा।

विकल्प-5

आपदा प्रभावित व्यक्ति द्वारा भवन का मुआवजा प्राप्त करते हुये दुकान/व्यावसायिक प्रतिष्ठान हेतु भूमि की मांग की जाती है तो ऐसी स्थिति में दुकान / व्यावसायिक प्रतिष्ठान निर्माण के लिए अधिकतम क्षेत्रफल 15 वर्ग मीटर तक की भूमि प्रदान की जायेगी।

विकल्प-6

आपदा प्रभावित दुकान / व्यावसायिक प्रतिष्ठान स्वामी की निर्मित दुकान / व्यावसायिक प्रतिष्ठान की मांग की जाती है, तो ऐसी स्थिति में चिन्हित स्थल पर अधिकतम 15 वर्ग मीटर क्षेत्रफल की सीमा तक की भूमि पर दुकान / व्यावसायिक प्रतिष्ठान का निर्माण राज्य सरकार द्वारा करते हुये उपलब्ध करायी जायेगी।

(ग) किराये पर रहने वाले परिवारों / व्यक्तियों के रोजगार के लिये व्यवस्था यदि जोशीमठ में कोई ऐसा व्यक्ति, जो कि एक वर्ष से अधिक समय से जोशीमठ के आपदा प्रभावित क्षेत्र में किराये पर दुकान लेकर कार्य कर रहा है एवं आपदा के कारण दुकान / व्यावसायिक प्रतिष्ठान की भूमि एवं भवन दोनों असुरक्षित होने के कारण उसका रोजगार प्रभावित हुआ है, तो ऐसे व्यक्तियों को एक मुश्त रू0 2.00 लाख की वित्तीय सहायता उपलब्ध करायी जायेगी।

(घ) रेट्रोफिटिंग क्षति के लिए व्यवस्था

तकनीकी संस्थानों के सर्वेक्षण की रिपोर्ट के आधार पर सुरक्षित भूमि पर स्थित भवनों की क्षति की तीव्रता के अनुसार सहायता के संबंध अलग से निर्णय लिया जायेगा।

विकल्प संख्या 1 से 6 निम्नलिखित शर्तों के अधीन होंगे-

1. विभिन्न देयक बिलों यथा-विद्युत बिल, जलकर, सीवर कर भवन कर 02 जनवरी, 2023 के बाद निशुल्क होगा।

2. भूमि की राहत राशि के भुगतान नो ड्यूज सर्टिफिकेट देने के उपरान्त ही प्रभावितों को राहत राशि का भुगतान किया जायेगा।

3. सर्वेक्षण एवं मापन के आधार पर राहत सहायता वितरित की जायेगी।

4. पूर्व में वितरित पैकेज की अग्रिम धनराशि एक लाख रुपये का समायोजन कर लिया जाए।

5. आवंटन का कार्य उप जिलाधिकारी जोशीमठ की अध्यक्षता में गठित समिति की ओर से लिया जाएगा।

6. मुआवजे से असंतुष्ट प्रभावित व्यक्ति अपर जिलाधिकारी चमोली की अध्यक्षता में गठित समिति के समक्ष अपील कर सकता है।

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