Joshimath Disaster

जोशीमठ आपदा प्रभावितों के लिए प्रस्तावित नीति पर मंत्रिमंडल ने लगाई मुहर

185 0

देहरादून। धामी सरकार (Dhami Government)  ने बुधवार को मंत्रिमंडल बैठक में जोशीमठ आपदा ( Joshimath Disaster) प्रभावितों के भूमि व भवनों के मुआवजे के साथ स्थायी विस्थापन के प्रस्तावित नीति पर निर्णय लिया। इस नीति को विकल्प के आाधर तीन भागों बांटा गया है।

आपदा प्रबन्धन एवं पुनर्वास विभाग की ओर से यह प्रस्ताव लाया गया है, जिसमें तकनीकी संस्थानों की रिपोर्ट आने के पश्चात भूमि के मुआवजे की दरों का निर्धारण किया जायेगा। पुनर्वास नीति को तीन भाग में रखा गया। व्यावसायिक भवनों को लेकर 5 स्लैब बनाए गए, उसी हिसाब से सरकार भूमि की मुआवजा देगी। इसकी दरें अगली मंत्रिमंडल में आएगी। भूमि का मुआवजा लेने के साथ ही 75 वर्ग मीटर जमीन ले सकते हैं। अगर इससे ज्यादा जमीन है तो बाकी का मुआवजा दुकान मालिक को 15 वर्ग मीटर, किरायेदार को 2 लाख और दुकान के लिए जमीन पट्टेदार या अपनी जमीन न होने वालों को अपने बिजली और पानी के बिल देने होंगे। 2 जनवरी से पहले ईंट की बनी आवास 31000/ वर्ग मीटर (रुपये प्रति वर्ग मीटर) आरसीसी 36000/ वर्ग मीटर कॉमर्शियल के लिए-ईंट का बना है तो 39000 आरसीसी के लिए 40000 दी जायेगी।

1.भवनों मुआवजे की दर-

(क) आवासीय भवनों हेतु दरें – भवनों की लागत सीपीडब्ल्यूडी की प्लिंथ एरिया दरों में कोस्ट इंडेक्स लगाकर निकाली जायेगी।

(ख) दुकान और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान (होटल, ढाबे आदि) के निर्मित भवन के लिए 5 क्षति स्लैब निर्धारण के अनुसार मुआवजा मिलेगा।

(II) आपदा प्रभावितों के स्थायी पुनर्वास के लिए विकल्प-

(क) आपदा प्रभावित आवासीय भू-भवन स्वामी निम्न विकल्प 1, 2 अथवा 3 में से एक विकल्प का चयन कर सकते हैं-

विकल्प-1

आपदा प्रभावित अपने क्षतिग्रस्त आवासीय भवन का मुआवजा निर्धारित दर पर व भूमि का मुआवजा तकनीकी संस्थानों की रिपोर्ट के आधार पर भविष्य में निर्धारित होने वाली दरों के आधार पर प्राप्त कर सकते हैं।

विकल्प-2

आपदा प्रभावित व्यक्ति द्वारा भवन का मुआवजा प्राप्त करते हुये आवासीय भवन के निर्माण हेतु अधिकतम क्षेत्रफल 75 वर्ग मी. (50 मीटर भवन निर्माण हेतु तथा 25 मीटर गौशाला / अन्य कार्यों ) तक की भूमि प्रदान की जा सकती है।

विकल्प-3

आपदा प्रभावित की ओर से अपनी भूमि व भवन के सापेक्ष निर्मित आवासीय भवन की मांग की जा सकती है। अधिकतम 50 वर्ग मीटर क्षेत्रफल की सीमा तक की भूमि पर भवन निर्माण कर दिया जायेगा और 25 मीटर भूमि गौशाला / अन्य कार्यों के लिए दी जाएगी।

(ख) दुकान / अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान (होटल, ढाबे आदि) के लिये निम्नलिखित विकल्प संख्या-4, 5 एवं 6 में से किसी एक विकल्प का चयन कर सकते हैंः-

विकल्प-4

आपदा प्रभावित अपने क्षतिग्रस्त व्यवसायिक भवन / दुकान का मुआवजा निर्धारित दर पर होगा। भूमि का मुआवजा तकनीकी संस्थानों की रिपोर्ट के आधार पर भविष्य में निर्धारित दरों के आधार पर मिलेगा।

विकल्प-5

आपदा प्रभावित व्यक्ति द्वारा भवन का मुआवजा प्राप्त करते हुये दुकान/व्यावसायिक प्रतिष्ठान हेतु भूमि की मांग की जाती है तो ऐसी स्थिति में दुकान / व्यावसायिक प्रतिष्ठान निर्माण के लिए अधिकतम क्षेत्रफल 15 वर्ग मीटर तक की भूमि प्रदान की जायेगी।

विकल्प-6

आपदा प्रभावित दुकान / व्यावसायिक प्रतिष्ठान स्वामी की निर्मित दुकान / व्यावसायिक प्रतिष्ठान की मांग की जाती है, तो ऐसी स्थिति में चिन्हित स्थल पर अधिकतम 15 वर्ग मीटर क्षेत्रफल की सीमा तक की भूमि पर दुकान / व्यावसायिक प्रतिष्ठान का निर्माण राज्य सरकार द्वारा करते हुये उपलब्ध करायी जायेगी।

(ग) किराये पर रहने वाले परिवारों / व्यक्तियों के रोजगार के लिये व्यवस्था यदि जोशीमठ में कोई ऐसा व्यक्ति, जो कि एक वर्ष से अधिक समय से जोशीमठ के आपदा प्रभावित क्षेत्र में किराये पर दुकान लेकर कार्य कर रहा है एवं आपदा के कारण दुकान / व्यावसायिक प्रतिष्ठान की भूमि एवं भवन दोनों असुरक्षित होने के कारण उसका रोजगार प्रभावित हुआ है, तो ऐसे व्यक्तियों को एक मुश्त रू0 2.00 लाख की वित्तीय सहायता उपलब्ध करायी जायेगी।

(घ) रेट्रोफिटिंग क्षति के लिए व्यवस्था

तकनीकी संस्थानों के सर्वेक्षण की रिपोर्ट के आधार पर सुरक्षित भूमि पर स्थित भवनों की क्षति की तीव्रता के अनुसार सहायता के संबंध अलग से निर्णय लिया जायेगा।

विकल्प संख्या 1 से 6 निम्नलिखित शर्तों के अधीन होंगे-

1. विभिन्न देयक बिलों यथा-विद्युत बिल, जलकर, सीवर कर भवन कर 02 जनवरी, 2023 के बाद निशुल्क होगा।

2. भूमि की राहत राशि के भुगतान नो ड्यूज सर्टिफिकेट देने के उपरान्त ही प्रभावितों को राहत राशि का भुगतान किया जायेगा।

3. सर्वेक्षण एवं मापन के आधार पर राहत सहायता वितरित की जायेगी।

4. पूर्व में वितरित पैकेज की अग्रिम धनराशि एक लाख रुपये का समायोजन कर लिया जाए।

5. आवंटन का कार्य उप जिलाधिकारी जोशीमठ की अध्यक्षता में गठित समिति की ओर से लिया जाएगा।

6. मुआवजे से असंतुष्ट प्रभावित व्यक्ति अपर जिलाधिकारी चमोली की अध्यक्षता में गठित समिति के समक्ष अपील कर सकता है।

Related Post

SC ईडी को फटकारा

SC ईडी को फटकारा, कहा आप शिवकुमार मामले में चिदंबरम की दलील कॉपी-पेस्ट की

Posted by - November 15, 2019 0
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक कांग्रेस के पूर्व मंत्री डीके शिवकुमार को नोटिस जारी की है। ये नोटिस उन्हें…
पुलिस को नहीं मिल पा रहा धनंजय का कोई सुराग

पुलिस को नहीं मिल पा रहा धनंजय का कोई सुराग

Posted by - April 5, 2021 0
पूर्व प्रमुख अजीत सिंह हत्याकांड में आरोपित पूर्व सांसद धनंजय सिंह की तलाश में लखनऊ पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है लेकिन अभी तक उसका कोई सुराग नहीं लग पाया है। छापेमारी करने जा रही पुलिस टीम बैरंग वापस लौट रही हैं। शनिवार को जौनपुर में उसके कालीकुत्ती स्थित आवास व अन्य स्थानों पर छापेमारी की गयी  थी लेकिन उसके न मिलने पर पुलिस टीम को खाली हाथ वापस लौटना पड़ा था। इसके अलावा पुलिस टीमों ने राजधानी में धनंजय के करीबी लोगों के ठिकानों पर भी छापेमारी की है लेकिन उसका कुछ पता नहीं चल सका है। मालूम हो कि सूबे की राजधानी लखनऊ में गत छह जनवरी को मऊ के पूर्व ब्लाक प्रमुख अजीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मुठभेड़ में मारे जा चुके अजीत सिंह हत्याकांड के शूटरों में एक कन्हैया विश्वकर्मा उर्फ गिरधारी उर्फ डाक्टर के बयान के आधार पर लखनऊ पुलिस ने धनंजय सिंह को साजिशकर्ता के तौर पर आरोपित किया था। पुलिस को चकमा देकर धनंजय सिंह ने पिछले महीने पुराने केस में एमपीएमएलए कोर्ट प्रयागराज में आत्मसमर्पण कर दिया था। नैनी सेंट्रल जेल से उसे फतेहगढ़ सेंट्रल जेल स्थानांतरित कर दिया गया था। महाराष्ट्र में कोरोना से हालात बेकाबू, सरकार का नाइट कर्फ्यू, वीकेंड लॉकडाउन का ऐलान जब तक लखनऊ पुलिस उसे अजीत हत्याकाण्ड में वारन्ट लेती तब तक गत 31 मार्च को एमपीएमएलए कोर्ट से जमानत मंजूर हो जाने पर वह गुपचुप तरीके से जेल से रिहा हो गया था। इसे लेकर लखनऊ पुलिस की खूब किरकिरी हुई। इसके बाद से लखनऊ पुलिस अजीत हत्याकाण्ड में उसे आरोपी मानकर लगातार  छापेमारी कर रही है लेकिन उसका कुछ पता नहीं चल पा रहा है। इसी कड़ी में धनंजय सिंह की तलाश में शनिवार को जौनपुर गयी लखनऊ पुलिस की टीम ने स्थानीय पुलिस को साथ लेकर उसके कालीकुत्ती स्थित आवास पर दबिश दी थी। वह घर पर नहीं मिला। इसके बाद पुलिस ने उसकी तलाश में जमैथा निवासी करीबी आशुतोष सिंह के दीवानी कचहरी रोड स्थित आवास पर भी छापेमारी की थी। पूर्व सांसद के गृह गांव सिकरारा थाना क्षेत्र के बनसफा गांव में भी दबिश दी गयी। मालूम हो कि शनिवार को धनजंय सिंह की पत्नी श्रीकला रेड्डी ने जिला पंचायत सदस्य पद के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया था।  
PM Modi

मैं पुरानी चीजों को ठीक कर रहा हूं, आप इनको रोकने वालों को ठीक करें : मोदी

Posted by - December 30, 2021 0
उत्तराखंड में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) आज यानी गुरुवार को कुमाऊं…

पत्रकारों की याचिका पर 5 अगस्त को पेगासस जासूसी कांड की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, घुसपैठ का दावा

Posted by - August 3, 2021 0
पेगासस जासूसी मामले में पांच पत्रकारों (परंजॉय गुहा ठाकुरता, एस. एन. एम. आब्दी, प्रेम शंकर झा, रूपेश कुमार सिंह और…