नई दिल्ली। केंद्र सरकार के लाख प्रयासों के बावजूद देश भर में नागरिकता कानून को लेकर जबरदस्त बहस छिड़ी हुई है। एक बड़ा तबका इसका विरोध कर रहा है तो वहीं कई जगह इसके समर्थन की आवाज भी सुनाई देती हैं। सीएए को लेकर सबसे पहले असम में शुरू हुआ विरोध अब पूरे देश में फैल चुका है। खास तौर पर दिल्ली सहित कई राज्यों में विश्वविद्यालय के छात्र सड़क पर उतर आए हैं। इसके साथ ही केंद्र की मोदी सरकार से कानून के वापस लिए जाने की मांग कर रहे हैं।
सीएए और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के खिलाफ अब बांग्ला कलाकारों ने आवाज उठाई
इस कानून मुखर विरोध करने वालों में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का नाम सबसे पहले लिया जा रहा है। ममता बनर्जी के अलावा सीएए और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के खिलाफ अब बांग्ला कलाकारों ने आवाज उठाई है।
A beautiful Bengali adaptation of @varungrover 's Hum Kagaz Nehi Dikhayenge. Amra Kagoj Dekhabo Na.
Video courtesy Ronny Sen.
Reject #NRC_CAA_NPR #NRC_CAA_Protests @NrcProtest @India_Resists @SushantSin @ReallySwara @kavita_krishnan @Mdzeeshanayyub @naukarshah @MirchiSayema pic.twitter.com/XC5R4l2BRo— Madhurima (@Madhurima_ML) January 13, 2020
कोंकणा सेन समेत 14 बांग्ला कलाकारों ने वरुण ग्रोवर की कविता, ‘हम कागज नहीं दिखाएंगे’ का बांग्ला वर्जन तैयार किया
कोंकणा सेन समेत 14 बांग्ला कलाकारों ने वरुण ग्रोवर की कविता, ‘हम कागज नहीं दिखाएंगे’ का बांग्ला वर्जन तैयार किया है। इसमें धृतिमान चटर्जी, सव्यसाची चक्रवर्ती, नंदना सेन और स्वास्तिका मुखर्जी, निर्देशक रूपम इस्लाम समेत कई अन्य कलाकार हैं। वीडियो में ये लोग कह रहे हैं- ‘कागोज अमरा देखाबो ना’। वरुण ग्रोवर ने पहली बार 21 दिसंबर को हिंदी में इस कविता पाठ करते हुए एक छोटा वीडियो ट्वीट किया था। इसे हजारों लोगों ने लाइक और रिट्वीट किया था।
उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है, जिसने पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए अल्पसंख्यक प्रवासियों की जानकारी गृह मंत्रालय को भेजी
वीडियो में जानी-मानी अभिनेत्री कोंकणा सेन शर्मा कहती हैं कि धर्म के आधार पर देश को बांटकर आप नहीं बचेंगे, आपको कागज नहीं दिखाएंगे। सुमन मुखोपाध्यायन और धृतिमान चटर्जी ने कहा कि 150 करोड़ लोग पेट भरने की समस्या का निपटारा चाहते हैं। वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है, जिसने पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए अल्पसंख्यक प्रवासियों की जानकारी गृह मंत्रालय को भेजी है।