बुलंदशहर। बुलदंशहर जनपद में देश का पहला सैनिक स्कूल बनकर तैयार हो गया है। आरएसएस के पूर्व सरसंघचालक राजेंद्र सिंह उर्फ रज्जू भैया के नाम पर बना यह सैनिक स्कूल अपनी तरह का अनूठा स्कूल होगा। वर्ष 2020-2021 के शैक्षिक सत्र के लिए सैनिक स्कूल में प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गई है। छह अप्रैल से स्कूल में पढ़ाई शुरू हो जाएगी। इस स्कूल को लेकर देश में उत्सुकता का माहौल है।
राजेन्द्र सिंह उर्फ रज्जू भैया 1994 से वर्ष 2000 तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के रह चुके हैं सरसंघचालक
बुलंदशहर जनपद की शिकारपुर तहसील क्षेत्र के बनैल खंडवाया गांव के निवासी राजेन्द्र सिंह उर्फ रज्जू भैया 1994 से वर्ष 2000 तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक रह चुके हैं। समाज सेवा में उनके योगदान को याद रखने के लिए उनके पैतृक गांव में सैनिक स्कूल की स्थापना की गई है। रज्जू भैया के नाम पर स्थापित यह सैनिक स्कूल अपनी तरह का पहला स्कूल है। इस स्कूल का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। सीबीएसई बोर्ड से संबद्ध इस स्कूल में बच्चों को ऐसा प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे उन्हें सेना के लिए तैयार किया जा सकें।
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स्कूल में कक्षा छह में 160 बच्चों के पहले बैच के लिए प्रवेश प्रक्रिया शुरू
इस स्कूल में कक्षा छह में 160 बच्चों के पहले बैच के लिए प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गई है। रज्जू भैया सैनिक विद्या मंदिर के निदेशक कर्नल शिवप्रताप सिंह का कहना है कि इस स्कूल में बच्चों को एनडीए, नेवल अकादमी और भारतीय सेना की प्रौद्योगिकी परीक्षा की तैयारी कराई जाएगी। इसके लिए 23 फरवरी तक पंजीकरण कराए जाएंगे। एक मार्च को प्रवेश परीक्षा का आयोजन होगा। प्रवेश परीक्षा में अंग्रेजी, गणित, सामान्य ज्ञान, तर्कशक्ति क्षमता के प्रश्न आएंगे। इसके बाद साक्षात्कार और शारीरिक जांच के बाद प्रवेश दिए जाएंगे। छह अप्रैल से विद्यालय में पढ़ाई शुरू हो जाएगी।
शहीदों के बच्चों को मिलेगा आरक्षण
इस सैनिक स्कूल में कारगिल युद्ध समेत कई युद्धों में देश के लिए जीवन न्यौछावर करने वाले शहीदों के बच्चों के लिए आठ सीटें आरक्षित की गई है। शहीदों के आश्रितों को आयु सीमा में भी छूट दी जाएगी। इसके अलावा स्कूल में अन्य कोई आरक्षण नहीं होगा। स्कूल के प्रधानाचार्य की नियुक्ति विद्या भारती द्वारा की जाएगी। स्कूल में छात्रों व शिक्षकों की यूनीफाॅर्म भी तय की गई है। छात्र हल्के नीले रंग की शर्ट व गहरे नीले रंग की पैंट पहनेंगे। जबकि शिक्षकों के लिए सफेद शर्ट व ग्रे पैंट होगी। स्कूल में छात्रों का नैतिक और आध्यात्मिक विकास होगा। यह स्कूल पूरी तरह से आवासीय होगा। यह स्कूल देश भर में चर्चा का विषय बना हुआ है।