लखनऊ। प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा (AK Sharma) ने प्रदेश की योगी सरकार 2.0 द्वारा आज विधान सभा में 06 लाख, 90 हज़ार, 242 करोड़, 43 लाख रुपए के प्रस्तुत बजट को ऐतिहासिक एवं जनकल्याणकारी बताया। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री का हार्दिक आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रस्तुत बजट से प्रदेश के विकास को गति मिलेगी। इससे किसानो, गरीबो, नवजवानों, महिलाएं, युवा और उद्यमियों के हितों की पूर्ति हो सकेगी और प्रदेश का सर्वांगीण विकास होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का विजन ”सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास एवं सबका प्रयास” साकार हो सकेगा।
नगर विकास मंत्री एके शर्मा (AK Sharma) ने बताया कि आज प्रस्तुत बजट में नगर विकास को महाकुम्भ मेला, 2025 का विश्व स्तरीय सुविधाओं के साथ भव्य आयोजन करने के लिए वर्ष 2022-2023 में प्रावधानित 621.55 करोड़ रूपये के सापेक्ष इस बजट में 2,500 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गईं। इसी प्रकार कान्हा गौशाला एवं बेसहारा पशु आश्रय स्थलों के निर्माण के लिए 100 करोड़ रूपये कीव्यवस्था की गईं। अमृत 2.0 के अन्तर्गत पेयजल, सीवरेज तथा वॉटर बाडीज हेतु गत वर्ष के 2,000 करोड़ रूपये के बजट के सापेक्ष इस वित्तीय वर्ष 2023- 2024 में लगभग 180 प्रतिशत की वृद्धि करते हुये 5,616 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गईं।
इसी प्रकार स्वच्छ भारत मिशन 2.0 के अन्तर्गत शौचालय, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेन्ट, यूज्ड वाटर मैनेजमेन्ट हेतु 1,356 करोड़ 36 लाख रूपये के सापेक्ष वर्ष 2023-2024 में 100 प्रतिशत वृद्धि के साथ 2,707 करोड़ 86 लाख रूपये की व्यवस्था की गयी। नगर विकास की सड़कों के समुचित विकास हेतु 500 करोड़ रूपये की व्यवस्था के साथ प्रदेश के धार्मिक एवं ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण नगरीय निकायो में मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं के विकास हेतु 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
प्रदेश के चिन्हित नागर निकायों को आकांक्षी नागर निकाय के रूप में विकसित करने हेतु आधारभुत संरचना के विकास हेत प्रारम्भ की जा रही ‘आकांक्षी नागर योजना हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गईं है।
उर्जा मंत्री एके शर्मा (AK Sharma) ने कहा कि इसी प्रकार प्रदेश में विद्युत विकास के क्रम में किसानों के निजी नलकप के विद्युत बिलों में गत वर्ष की छूट को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर वित्तीय वर्ष 2023-24 में 100 प्रतिशत कर दिया गया है। इसके लिए 1500 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गईं हैं। बुन्देलखण्ड में स्थापित की जाने वाली सौर ऊर्जा परियोजनाओं से विद्युत निकासी के लिये ग्रीन इनर्जी कॉरीडोर – II परियोजना के अन्तर्गत पारेषण तंत्र के निर्माण हेतु 1554 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गईं। इसी प्रकार रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम के लिए 6500 करोड़ की व्यवस्था की गईं हैं।
इसी प्रकार अतिरिक्त ऊर्जा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति, 2022 के क्रियान्वयन हेतु 317 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गई है तथा उत्तर प्रदेश राज्य जैव ऊर्जा नीति, 2022 के क्रियान्वयन हेतु 45 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गई है। इससे प्रदेश में सौर ऊर्जा एवम् जैव उर्जा उत्पादन को गति मिलेंगी।