नई दिल्ली। बजट-2020 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से इनकम टैक्स स्लैब में भले ही राहत दे दी है, लेकिन इस राहत को कांग्रेस के नेताओं ने ‘ऊंट के मुंह में जीरे’ के समान बताया है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि जब आमदनी ही नहीं है तो टैक्स रिबेट का क्या फायदा ? कांग्रेस नेताओं ने बजट को दिशाहीन बताते हुए कहा कि इसमें रोजगार सृजन का कोई रोडमैप नहीं है?
जानें क्या यह है बजट का नया स्लैब?
बजट भाषण के अनुसार अब 5 लाख रुपये तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। केन्द्र सरकार के इस बड़े बदलाव के बाद अब 5 से 7.5 लाख तक की कमाई पर 10 फीसदी टैक्स देना होगा। 7.5 से 10 लाख रुपये तक की कमाई पर 15 फीसदी, 10 से 12.5 लाख तक की कमाई पर 20 फीसदी टैक्स देना होगा। वहीं 12.5 से 15 लाख रुपए तक की कमाई पर 25 और 15 लाख और अधिक से ऊपर की आय 30 फीसदी टैक्स भरना होगा।
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गहलौत सरकार के मंत्री खाचरियावास बोले ऊंट के मुंह में जीरे के समान
वित्त मंत्री के इस कदम पर राज्य के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि टैक्स स्लैब में बदलाव ऊंट के मुंह में जीरे की तरह है। 5 लाख से ऊपर बैंक में जमा पैसे की कोई गारंटी नहीं है। महंगाई और बेरोजगारी रोकने के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं किया। जो सरकार बैंकों में जमा पैसे की गारंटी नहीं दे सकती तो एक नंबर में लेनदेन कैसे बढ़ाएगी? इस बजट से यह साफ हो गया कि केंद्र के मंत्रियों और नेताओं की जनता में पकड़ खत्म हो चुकी है। केंद्रीय बजट जनता के साथ धोखा है।
जब आमदनी नहीं तो टैक्स रिबेट का क्या फायदा ?
कांग्रेस उपाध्यक्ष अर्चना शर्मा ने कहा कि जब आमदनी नहीं तो टैक्स रिबेट का क्या फायदा ? केंद्र सरकार की अर्थव्यवस्था को लेकर कोई सोच नहीं है। बजट दिशाहीन और निराशाजनक है। इसमें रोजगार सृजन का कोई रोडमैप नहीं बताया गया है। महिला सुरक्षा पर सरकार असंवेदनशील है।