नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2020 भाषण में टैक्स को लेकर बड़ा एलान किया है। उन्होंने कहा कि अब पांच लाख से साढ़े सात लाख तक कमाई वाले लोगों को 10 फीसदी टैक्स देना होगा। इससे पहले ये 20 फीसदी था। वहीं, 7.5 लाख से 10 लाख आमदनी पर अब 15 फीसदी टैक्स, 10 लाख से 12.5 लाख आमदनी पर अब 20 फीसदी टैक्स, 12.5 फीसदी से 15 लाख तक की आमदनी पर 25 फीसदी टैक्स देना होगा और 15 लाख से ऊपर आमदनी वाले को 30 फीसदी टैक्स देना होगा।
बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 2020-21 में सरकार का दस फीसदी विकास दर हासिल करने का लक्ष्य है। वित्त वर्ष 19-20 में सरकारी खर्च 26.19 लाख करोड़ रुपए है। बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पेंशन बनाने के लिए ट्रस्ट बनाने का एलान, आईडीबीआई बैंक में सरकार हिस्सेदारी बेचेगी। एलआईसी का बड़ा हिस्सा बेचेगी सरकार। एलआईसी का आईपीओ लाया जाएगा।
बजट 2020 : मॉर्डन रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डे, बस स्टेशन, लॉजिस्टिक सेंटर्स बनाएंगे
बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बैंकों की सुरक्षा व्यावस्था पर जोर, बैंकों के लिए तंत्र बनेंगे, ताकि पैसा सुरक्षित रहे। बैंकों में जमा पैसों का बीमा बढ़ाया गया है। वित्तीय ढांचे को मजबूत बनाया जाएगा। बैंक जमा पर गारंटी एक लाख से पांच लाख रुपए कर दी गई है। बैंकों को हमने 3 लाख 50 हजार करोड़ रुपए दिए हैं।
बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, टैक्स पेयर का चार्टर बनाया जाएगा। टैक्स पेयर को परेशानी नहीं होनी चाहिए। टैक्स पेयर चार्टर के लिए कानून बनाया जाएगा, जो संविधान के मुताबिक होगा। कानूनों को भी सुधारा जाएगा।
बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साल 2024 तक देश में 100 एयरपोर्ट बनाने का बड़ा एलान किया है। साथ ही सीतारमण ने कहा है कि देश की टूरिस्ट जगहों को तेजस जैसी ट्रेनों से जोड़ा जाएगा।
बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अनुसूचित जनजाति के कल्याण के लिए 53700 करोड़ रुपए का प्रस्ताव रखा गया है।बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि महिलाओं के लिए 28600 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। महिलाओं के मुद्दे पर कुछ देर के लिए सदन में हंगामा हुआ। इस दौरान सीतारमण ने कहा कि महिलाओं के मुद्दे पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए।
बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, अक्षय ऊर्जा के लिए 22 हजार करोड़ रुपए का प्रस्ताव, तीन साल के अंदर पुराने मीटर बदले जाएंगे। घरों में स्मॉर्ट मीटर लगेंगे। उपभोक्ता को सप्लायर चुनने की पूरी आजादी होगी। बिजली के लिए प्रीपेड मीटर की व्यवस्था होगी।