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अयाेध्या: भक्ति रस में डूबा सुग्रीव किला आश्रम

Sugriva Mahotsav

Sugriva Mahotsav

अयाेध्या। अयाेध्या का ऐतिहासिक सुग्रीव किला (Sugriva Fort) आश्रम इन दिनाें भक्तिभाव से सराबाेर है। आश्रम में इन दिनों भगवान राजराजेश्वर सरकार का ब्रहमाेत्सव और जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी पुरुषाेत्तमाचार्य महाराज का द्वितीय वैकुंठाेत्सव मनाया जा रहा है। 10 मार्च से मंदिर में आरम्भ सप्त दिवसीय उत्सव का का समापन 17 मार्च काे हाेगा।
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यहां देश भर से हजारों भक्तों का जमावड़ा है। माैका है भगवान राजराजेश्वर सरकार के ब्रहमाेत्सव और जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी पुरुषाेत्तमाचार्य महाराज के द्वितीय वैकुंठाेत्सव का। 10 मार्च से मंदिर में आरम्भ सप्त दिवसीय उत्सव का का समापन 17 मार्च काे संत-धर्माचार्याें के विशाल भंडारे से हाेगा।

निकाली जा रही पालकी यात्रा

सुग्रीव किला के वर्तमान पीठाधीश्वर रामानुजाचार्य स्वामी विश्वेश प्रपन्नाचार्य महाराज ने बताया कि मंदिर में स्थापित राजराजेश्वर भगवान का ब्रहमाेत्सव और गुरूदेव स्वामी पुरुषाेत्तमाचार्य महाराज का द्वितीय वैकुंठाेत्सव श्रद्धा और हर्षाेल्लास पूर्वक मनाया जा रहा है। इसके क्रम में प्रतिदिन सायंकाल आश्रम से दाक्षिणात्य शैली में भव्य पालकी यात्रा निकाली जा रही है, जाे रामनगरी के प्रमुख मार्गाें से हाेते हुए पुनः अपने गंतव्य काे वापस लाैटती है। यात्रा में काफी संख्या में संत-धर्माचार्य और भक्तगण सम्मिलित रहते हैं।

श्रीमद् भागवत कथा का रसास्वादन

आश्रम में सुबह सैंकड़ाें वेदपाठी विद्वानाें द्वारा विष्णु सहस्त्रनाम का परायण किया जा रहा है। गुरूदेव भगवान के वैकुंठ महाेत्सव पर कथाव्यास रामानुजाचार्य स्वामी राजनारायणाचार्य महाराज भक्ताें काे श्रीमद् भागवत कथा का रसास्वादन करा रहे हैं।

सपना हो रहा पूरा

जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी विश्वेश प्रपन्नाचार्य महाराज ने कहा कि गुरूदेव स्वामी पुरुषाेत्तमाचार्य महाराज श्रीराम जन्मभूमि आंदाेलन के अग्रणी पंक्ति के याेद्धाओं में से एक थे। उन्हाेंने श्रीराम मंदिर के लिए अपना सर्वस्व न्याैछावर कर दिया। जीवन के अंतिम दिनाें तक जन्मभूमि मुक्ति आंदाेलन में लगे रहे। वह हम लाेगाें के बीच में नही हैं, लेकिन आज उनका सपना साकार हाे रहा है। उन्होंने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का कार्य प्रारम्भ हो गया है. जल्द ही हमारे रामलला दिव्य भवन में विराजमान हाेंगे।

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