केंद्र सरकार द्वारा पिछले दिनों मंत्रिमंडल विस्तार में कूच बिहार से भाजपा सांसद नीशिथ प्रमाणिक को बतौर गृह राज्य मंत्री मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। सांसद होने के बावजूद उन्होंने बंगाल विधानसभा चुनाव लड़ा, वहां जो हलफनामा दिया उसमें उनकी सर्वोच्च शैक्षणिक योग्यता दसवीं है। लेकिन लोकसभा की वेबसाइड पर उनकी शैक्षिक योग्यताा बीसीए है, जो उन्होंने बालाकुरा जूनियर बेसिक स्कूल से हासिल की।
विपक्ष ने हलफनामें एवं वेबसाइट में अंतर देखा तो हंगामा किया, जिसके बाद लोकसभा की वेबसाइट से उनकी शैक्षिक योग्यता को ही हटा दिया गया। इसके पहले टीएमसी सांसद ने उनकी नागरिकता पर सवाल उठाते हुए उन्हें बांग्लादेशी बताया था, कहा था कि पढ़ाई करने यहां आए और वापस ही नहीं गए।
निसिथ प्रमाणिक अपनी राष्ट्रीयता के सवाल पर चुप क्यों हैं? यह एक ऐसा मुद्दा है जिसे कई लोग इन दिनों पश्चिम बंगाल के कूचबिहार जिले में उठा रहे हैं, जबकि भारतीय जनता पार्टी ने इस मामले को ‘निराधार’ करार दिया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल के हालिया फेरबदल में गृह और खेल राज्य मंत्री बनने के बाद , प्रमाणिक पर उनकी शैक्षणिक योग्यता के साथ-साथ उनकी नागरिकता के बारे में एक के बाद एक आरोप लगाए गए हैं।
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नया विवादउस वक्त शुरू हुआ जब बांग्लादेशी मीडिया में प्रमाणिक की नियुक्ति को लेकर उनके ‘पैतृक गांव’ में हर्षोल्लास समारोहों की रिपोर्टों प्रकाशित हुई। असम कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद रिपुन बोरा ने सोमवार को संसद का मानसून सत्र शुरू होने के बावजूद इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भेजा है। प्रमाणिक को अभी जवाब देना बाकी है। भाजपा के सूत्रों का कहना है कि उनकी चुप्पी बंगाल की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस को ऑक्सीजन देने का काम कर रही है। कूचबिहार में भी मामला तूल पकड़ रहा है।