गुवाहाटी। असम में बीजेपी सरकार के मंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने एक बार फिर से एनआरसी पर अपना असंतोष जताया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान एनआरसी की लिस्ट स्वीकार करने लायक नहीं है। इसे खारिज किया जाना चाहिए।
Himanta Biswa Sarma, Finance Minister of Assam on National Register of Citizens: Assam state BJP and govt are of the opinion that the NRC prepared under the supervision of Supreme Court by State Coordinator Prateek Hajela has failed to fulfill the aspirations the people of Assam. pic.twitter.com/jyIGSZUWu8
— ANI (@ANI) November 20, 2019
बता दें कि गृहमंत्री अमित शाह बुधवार को राज्यसभा कह चुके हैं कि सिटीजन अमेंटमेंट बिल (CAB) के बाद पूरे देश में एनआरसी (NRC) लागू होगा। इसके बाद कोई संदेह नहीं रह जाता। ये डाटा को जारी करने की तारीख पूरे देश के लिए एक ही होगी। इसलिए अब हम ये देख रहे हैं कि इस मामले में अब क्या किया जाना चाहिए?
Assam Min HB Sarma: Assam govt is planning to spend Rs 800Cr per year under Arundhati scheme in which every bride of Assam to be given 1 Tola gold free.The aim of the scheme is to reduce child marriage as it'll require the marriage to be registered to avail benefits of the scheme pic.twitter.com/oyURjquo2k
— ANI (@ANI) November 20, 2019
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर असम में एनआरसी ड्राफ्ट आ चुका है। हालांकि इस लिस्ट पर बीजेपी के ही नेताओं और मंत्रियों ने असहमति जताई थी। हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा, हमने केंद्रीय गृहमंत्री से निवेदन किया है कि असम एनआरसी को खारिज किया जाए। उन्होंने कहा कि हमें नेशनल एनआरसी का हिस्सा बनाया जाए। हम राज्य के एनआरसी कॉर्डिनेटर के तरीकों से बिल्कुल संतुष्ट नहीं हैं। असम सरकार को एक अकेले व्यक्ति (प्रतीक हजेला) के गलत कामों का खामियाजा उठाना होगा। यह एक अपारदर्शी प्रणाली थी, जिसमें किसी के साथ भी न्याय नहीं किया गया।
असम एनआरसी पर हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि अभी ये खत्म नहीं हुआ है, लेकिन एक बार नेशनल एनआरसी आ गया तो ये भी खत्म हो जाएगा। यही इस एनआरसी का आधार होगा। उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति अपना नाम एनआरसी में जुड़वाना चाहेगा, राज्य सरकार की उसकी मदद करेगी। इस पर खर्च होने वाली न्यायिक फीस का वहन खर्च करने के लिए हम तैयार हैं। हम इसके लिए एक ट्रिब्यूनल का गठन कर सकते हैं, जो लोगों के घर तक जाएगा। लोगों को दूर तक जाने की जरूरत नहीं होगी। इसके लिए कोई फीस भी नहीं देनी होगी।