एक तरफ गैरसैंण के मुद्दे पर बीजेपी उलझती नजर आ रही है। वहीं कांग्रेस ने इस मुद्दे को राजनीतिक रंग दे दिया है।
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बजट सत्र के दौरान गैरसैंण कमिश्नरी (Gairsain Commissionerate) को लेकर तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की घोषणा को बीजेपी की सरकार झूठलाने पर आमदा है। इस मामले पर तीरथ सिंह रावत के नेतृत्व वाली सरकार ने दोबारा से विचार करने का ऐलान कर दिया है। उधर त्रिवेंद्र सिंह रावत यह साफ कर चुके हैं कि बजट सत्र के दौरान गैरसैंण कमिश्नरी (Gairsain Commissionerate) को लेकर जो घोषणा की गई थी वह सरकार का फैसला था।
उन्होंने कहा कि चुनाव में 50% वोट पाने के बावजूद भी 40% लोग ऐसे होते हैं, जो उसका विरोध करते हैं। ऐसे ही कुछ लोगों ने जिनकी मानसिकता केवल विरोध करने की है। उनके द्वारा इसका विरोध किया गया, लेकिन अधिकतर लोग इस फैसले के पक्ष में हैं।
बीजेपी के इस मुद्दे कांग्रेस लगातार सरकार को घेर रही है। कांग्रेस इस मामले में कुमाऊं क्षेत्र से पार्टी को फायदा होने की उम्मीद लगा रही है और इसी के लिए अब कांग्रेस ने बीजेपी के अंदर चल रही खींचतान को मुद्दा बनाया है।
कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि फिलहाल तीरथ सिंह रावत और पूर्व में त्रिवेंद्र सिंह रावत को गैरसैंण से कोई लेना देना नहीं है। इसके बावजूद दोनों इस मुद्दे पर आपसी खींचतान में जुटे हुए हैं।