बॉलीवुड डेस्क। कपूर खानदान का हिंदी सिनेमा में लंबा इतिहास रहा है। जिन चंद कलाकारों ने अपनी पहचान बनाई उनमें हिंदी सिनेमा के मशहूर शो मैन राज कपूर के पिता पृथ्वीराज कपूर भी शामिल हैं। सिनेमा की शुरुआत से लेकर अब तक कोई परिवार अगर अब भी सिनेमा में सक्रिय है तो वह है कपूर खानदान।
ये भी पढ़ें :-बर्थडे स्पेशल: जानें किस वजह से जया शाहरुख को मारना चाहती थीं थप्पड़
आपको बता दें भारत सरकार ने 1972 में सिनेमा के सबसे बड़े राष्ट्रीय सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया। अभिनेता पृथ्वीराज कपूर की जयंती 3 नवंबर को कपूर परिवार हर साल सादगी से मनाता रहा है। सिनेमा के साम्राज्य पर लगातार राज करते रहे कपूर खानदान के वारिस रणबीर कपूर कहते हैं
ये भी पढ़ें :-बर्थडे स्पेशल: अकेली लाइफ में इलियाना ने इस तरह किया जन्मदिन सेलिब्रेट
जानकारी के मुताबिक कपूर परिवार का हर सदस्य पृथ्वीराज कपूर का नाम सुनते ही नतमस्तक हो जाता है। घुमंतू थिएटर चलाने के दौर में वह सिनेमा में तब आए जब सिनेमा भारत में घुटनों के बल चलना सीख रहा था। 22 साल के थे पृथ्वीराज जब वह 1928 में अपनी एक रिश्तेदार से थोड़ा सा कर्ज लेकर फैसलाबाद से बंबई आए। वकालत की पढ़ाई बीच में ही छोड़ वह अभिनेता बने और भारत की पहली बोलती फिल्म आलम आरा में काम करने से पहले वह एक मूक फिल्म सिनेमा गर्ल में भी काम कर चुके थे।