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जन्मदिन विशेष: जानिए अजय सिंह बिष्ट कैसे बने योगी आदित्यनाथ

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जब अजय सिंह बिष्ट ने योगी आदित्यनाथ ( Yogi Adityanath) के रूप में गोरक्षनाथ मंदिर में नाथ पंथ की दीक्षा ली थी और एक संन्यासी के रूप में अपने नये जीवन की शुरूआत की थी तो यह कोई नहीं जानता था कि यह योगी ( Yogi Adityanath)  एक दिन देश का सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री बनेगे। सेवा, विकास और सौहार्द का एक कुशल नेतृत्व के साथ एक सुशासन का नया कीर्तिमान स्थापित करेगे। इतना ही नहीं, यह साबित करेगे कि सतत प्रयास और सकारात्मक सोच से सब कुछ बदला जा सकता है। समर्पण और आत्मविश्वास से देश-प्रदेश और समाज की एक नई तस्वीर बनाई जा सकती है।

जी हां, हम बात कर रहे है देश के सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री और गोरक्षपीठाधिश्वर योगी आदित्यनाथ की। शनिवार को उनका जन्मदिवस है। आइए, उनके जीवन के कुछ रोचक तथ्यों को जानते हैं।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ( Yogi Adityanath)  शनिवार को 50 वां जन्मदिन मना रहे है। उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के पंचूर गांव में पांच जून 1972 जन्मे अजय सिंह बिष्ट गोरखपुर पहुंचकर योगी आदित्यनाथ ( Yogi Adityanath)  बन गए देश के सबसे बड़े सूबे की सत्ता के सिंहासन पर योगी विराजमान हैं। महज 26 साल की उम्र में संसद पहुंचने वाले योगी आदित्यनाथ 45 साल की उम्र में यूपी के सीएम बने। प्रदेश की नहीं बल्कि देश की सियासत में उन्हें हिंदुत्व के चेहरे के तौर पर जाना जाता है।

योगी आदित्यनाथ का जन्म उत्तराखंड के सामान्य राजपूत परिवार में हुआ। इनके पिता का नाम आनंद सिंह बिष्ट और माता का नाम सावित्री देवी है। योगी ने 1989 में ऋषिकेश के भरत मंदिर इंटर कॉलेज से 12वीं पास की और 1992 में हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से गणित में बीएससी की पढ़ाई पूरी की। छात्र जीवन में ही वो राममंदिर आंदोलन से जुड़ गए थे। 90 के दशक में राममंदिर आंदोलन के दौरान ही योगी आदित्यनाथ ( Yogi Adityanath)  की मुलाकात गोरखनाथ मंदिर के महंत अवैद्यनाथ से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के एक कार्यक्रम हुई। इसके कुछ दिनों बाद योगी अपने माता.पिता को बिना बताए गोरखपुर जा पहुंचे और जहां संन्यास धारण करने का निश्चय लेते हुए गुरु दीक्षा ले ली। महंत अवैद्यनाथ भी उत्तराखंड के रहने वाले थे। जिन्होंने अजय सिंह बिष्ट को योगी आदित्यनाथ ( Yogi Adityanath)  बनाने का काम किया।

गोरखनाथ मंदिर के महंत की गद्दी का उत्तराधिकारी बनाने के चार साल बाद ही महंत अवैद्यनाथ ने योगी आदित्यनाथ को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी भी बना दिया। गोरखपुर से महंत अवैद्यनाथ चार बार सांसद रहेए उसी सीट से योगी 1998 में 26 वर्ष की उम्र में लोकसभा पहुंचे और फिर लगातार 2017 तक पांच बार सांसद रहे।

योगी आदित्यनाथ ( Yogi Adityanath)  ने अपनी निजी सेना हिंदू युवा वाहिनी का निर्माण किया जो गौ-सेवा करने व हिंदू विरोधी गतिविधियों से निपटने के लिए बनाई गई। हम एक तेज-तर्रार राजनीतिज्ञ के रूप में अपनी छवि योगी आदित्यनाथ ने बना ली थी। योगी आदित्यनाथ ( Yogi Adityanath)  की सबसे बड़ी खासियतों में एक है कि वह जनता से सीधा संवाद करने में विश्वास रखते हैं। 2017 में बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिला तो सीएम के लिए कई चेहरे दावेदार थे लेकिन बाजी योगी के हाथ लगी। बतौर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ( Yogi Adityanath)  सुशासन,कुशल नेतृत्व का उत्तम उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं। उन्होंने यह साबित

कर दिखाया है कि सकारात्मक सोच और सतत प्रयास से किसी भी देश ,किसी भी प्रदेश और किसी भी समाज की तस्वीर बदली जा सकती है।

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