कोरोना संकट के बीच भी कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन पिछले 7 माह से जारी है, आंदोलन एक बार फिर चर्चा में है। बीते दिन केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि सरकार कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी, लेकिन बातचीत को तैयार है। अब किसान नेता राकेश टिकैत ने इस मसले पर प्रतिक्रिया दी है, उन्होंने कहा- जो भी बात होगी वो बिना किसी कंडीशन के होगी।
टिकैत ने कहा- हमने कोई शर्त नहीं लगाई है, अगर कानून वापसी पर चर्चा होती है तो हम बातचीत शुरू करना चाहते हैं। उन्होंने कहा- हम शांति से बैठे हैं लेकिन सरकार जाने को कह रही, अगर हम जाएंगे तो बातचीत से, नहीं तो लाठी-डंडे-गोली जिससे सरकार भगाना चाहे भगा दे।
राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि हम आठ महीने से आर-पार के मूड में ही बैठे हैं, जो जिस भाषा में आर-पार समझता हो, वही समझे. हम तो कह रहे हैं कि हम शांति से बैठे हैं, हमें छेड़ो नहीं और सरकार कह रही है कि यहां से चले जाओ। लेकिन अगर हम जाएंगे तो बातचीत से, नहीं तो लाठी-डंडे-गोली जिससे सरकार भगाना चाहे भगा दे।
कृषि क्षेत्र को लेकर मोदी सरकार का बड़ा फैसला, APMC मंडियों को और मज़बूत किया जाएगा। #ATVideo #FarmersProtest #FarmLaws pic.twitter.com/XtAw1CfAXQ
— AajTak (@aajtak) July 9, 2021
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार किसी पार्टी की होती तो जरूर बात करती, लेकिन सरकार को कंपनियां चला रही हैं और देश को लूटने का प्लान कर रही हैं। देश की जनता को सड़क पर निकलना होगा और लुटेरों को भगाना होगा, यह आखिरी बादशाह साबित होगा।
राकेश टिकैत ने मोदी सरकार (Modi Government) के नए प्रस्ताव पर कहा कि एक लाख करोड़ की तो ठग विद्या है, हम तो बस यह कह रहे हैं कि हमें भाव दे दो, एक लाख करोड़ जहां खर्च करना है कर लेना। लेकिन जब हमें भाव नहीं दे रहे हैं तो एक लाख करोड़ का क्या मतलब है।