बिजनेस डेस्क। पिछले दो महीने से प्याज के साथ ही साथ खाने के तेल की कीमतों में भी लगातार बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही हैं। पिछले दो महीने के अंदर ही खाने के तेल के दाम 15 फीसदी तक बढ़ गए हैं। वहीं पिछले एक साल में खाने के तेल के भाव 8 फीसदी से लेकर 40 फीसदी तक बढ़ गए हैं।
इसी बीच एक और बड़ी खबर सामने आई हैं। जानकारी के मुताबिक, केंद्र सरकार ने पाम ऑयल पर ड्यूटी घटाने की तैयारी कर ली थी। लेकिन मलेशिया के प्रधानमंत्री के एनआरसी (NRC) पर बयान के बाद इसके ठंडे बस्ते में जाने की संभवाना है। ऐसे में खाने के तेल की महंगाई आगे भी जारी रह सकती है।
खासतौर पर इसमें पाम ऑयल का दाम सबसे ज्यादा बढ़ा है। पाम ऑयल का दाम 40 फीसदी के करीब बढ़ा हैं। पिछले साल पाम ऑयल का दाम 518 डॉलर प्रति टन के करीब था जो इस बढ़कर 725 डॉलर प्रति टन हो गया है।
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दरअसल, मलेशिया में इस बार पाम ऑयल का उत्पादन काफी कम हुआ है। इसको देखते हुए मलेशिया की सरकार ने पाम ऑयल पर एक्सपोर्ट ड्यूटी लगा दी है। इसका असर घरेलू बाजार पर देखने को मिल रहा है।
दिसंबर 2018 से दिसंबर 2019 तक में हुई बढ़ोतरी
मूंगफली का तेल- 97,840 – 1,0,3000- 6 फीसदी
सनफलावर ऑयल- 71,680 – 80,500- 12 फीसदी
रेपसीड ऑयल- 82,200 – 88,000- 7 फीसदी
पाम ऑयल- 59,736 – 79,000, 33 फीसदी
नहीं घटेगी ड्यूटी
घरेलू बाजार में दाम लगातार बढ़ रहे हैं। इसको देखते हुए सरकार इस पर इम्पोर्ट ड्यूटी घटाने की तैयारी रही थी। ऐसी उम्मीद की जा रही थी कि सरकार 5 फीसदी इम्पोर्ट ड्यूटी घटा देगी। लेकिन जिस तरह से मलेशिया के पीएम का NRC पर बयाना आया औऱ भारत ने इसका कड़ा विरोध जताया है।
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भारत ने मलेशिया के राजदूत को बुलाकर उनके सामने कड़ा विरोध दर्ज किया है। इसका कहीं न कहीं असर भारत और मलेशिया के व्यापारिक रिश्ते पर देखने को मिल सकता है।
मलेशिया से आने वाले पाम ऑयल पर इम्पोर्ट ड्यूटी की कटौती सरकार फिलहाल नहीं कर सकती है। उसके कुछ महीनों के टाल दे। इसका असर घरेलू बाजार पर देखने को मिलेगा। आने वाले दिनों में घरेलू बाजार में खाने के तेल के दाम और बढ़ सकते हैं।