मुंबई । शेयर बाजार (stock market ) में बीते 10 कारोबारी दिवस से जारी तेजी का सिलसिला गुरुवार को थम गया। यूरोप में लॉकडाउन की आहट से शेयर बाजार ने इस साल की 14वां बड़ा नुकसान देखा। इस गिरावट में निवेशकों के करीब 3 लाख करोड़ रुपये डूब गए।
चौतरफा बिकवाली के बीच बीएसई 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 1,066.33 अंक यानी 2.61 प्रतिशत का गोता लगाकर 39,728.41 अंक पर आ गया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 290.70 अंक यानी 2.43 प्रतिशत लुढ़ककर 11,680.35 अंक पर बंद हुआ।
नवरात्रि में गरबा के लिए रहें तैयार, फाल्गुनी पाठक का आया ये धमाकेदार गाना
यह दोनों प्रमुख सूचकांकों में 24 सितंबर के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है। इससे पहले लगातार 10 कारोबारी सत्र में सेंसेक्स 2,821.52 अंक और निफ्टी 748.65 अंक चढ़ा था। विदेशी शेयर बाजारों में रही गिरावट से घरेलू शेयर बाजारों पर दबाव रहा। सेंसेक्स की 30 में से 29 कंपनियों और निफ्टी की 50 में से 47 कंपनियों के शेयर लाल निशान में रहे।
सेंसेक्स में बजाज फाइनेंस का शेयर साढ़े चार प्रतिशत और टेक महिंद्रा का चार प्रतिशत से अधिक, इंडसइंड बैंक और आईसीआईसीआई बैंक के शेयर करीब चार प्रतिशत तथा भारतीय स्टेट बैंक और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर साढ़े तीन प्रतिशत से अधिक लुढ़क गये। भारती एयरटेल, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, एचडीएफसी बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक और बजाज फिनसर्व में भी सवा तीन से साढ़े तीन प्रतिशत तक गिरावट रही। सिर्फ एशियन पेंट्स ही हरे निशान में रही।
मझौली और छोटी कंपनियों में भी निवेशकों ने बिकवाली की। बीएसई का मिडकैप 1.75 प्रतिशत लुढ़ककर 14,468.88 अंक पर और स्मॉलकैप 1.45 प्रतिशत टूटकर 14,643.95 अंक पर आ गया। बैकिंग, वित्त, ऊर्जा, आईटी, टेक, दूरसंचार, रियलिटी और पूंजीगत वस्तु समूहों के सूचकांक दो से साढ़े तीन प्रतिशत तक फिसल गये।