नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के सांसद पार्टी के वरिष्ठ नेता आज़म खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने अब्दुल्ला आजम खान के निर्वाचन रद्द करने के हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इनकार किया है। इसके साथ ही इलाहाबाद हाईकोर्ट के याचिकाकर्ता नवाब काजिम अली को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।
अब इस मामले पर 25 मार्च को अगली सुनवाई होगी
बता दें कि अब्दुल्ला आजम खान ने अपनी विधायकी रद्द किए जाने के संबंध में हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। अब इस मामले पर 25 मार्च को अगली सुनवाई होगी। बसपा नेता नवाब काजिम अली खान ने 2017 में समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान के बेटे, मोहम्मद अब्दुल्ला आजम खान के यूपी विधायक के तौर पर चुने जाने को चुनौती दी थी। उन्होंने दावा किया था कि चुनाव के समय अब्दुल्ला कम उम्र के थे।
BSP leader Nawab Kazim Ali Khan had challenged the election of SP leader Azam Khan’s son, Mohammad Abdullah Azam Khan as UP MLA in 2017, claiming that Abdullah was underage at the time of elections. https://t.co/lzRY0TBJ33
— ANI (@ANI) January 17, 2020
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले दिनों यह कहते हुए अब्दुल्ला आजम खान की विधायकी रद्द कर कर दी थी कि वर्ष 2017 में जब वो निर्वाचित हुए थे। तब उनकी उम्र चुनाव लड़ने के लिए कम थी। अपनी याचिका में काजिम अली ने कहा था कि अब्दुल्ला की वास्तविक जन्मतिथि 30 सितंबर, 1990 की बजाय एक जनवरी, 1993 है। उन्होंने इसके लिए अब्दुल्ला के शैक्षणिक प्रमाण पत्र, पासपोर्ट और वीजा पर अंकित जन्म तिथि एक जनवरी, 1993 का हवाला दिया था।
जन्मतिथि दस्तावेजों की जांच
हाईकोर्ट ने अब्दुल्ला की मां के सर्विस रिकॉर्ड समेत उनकी जन्मतिथि से संबंधित समस्त दस्तावेज की जांच की थी, जिसमें उसने पाया कि दस्तावेजों में अब्दुल्ला की जन्मतिथि एक जनवरी, 1993 दर्ज है। अपने आदेश में हाईकोर्ट ने रजिस्ट्रार जनरल को फैसले से चुनाव आयोग और उत्तर प्रदेश विधानसभा को अवगत कराने को भी कहा था ताकि वह आगे की कार्रवाई कर सके।