देश में तमाम गंभीर मुद्दों के बीच हिन्दुत्व को लेकर बहस छिड़ गई है, मोहन भागवत के बयान पर असदुद्दीन ओवैसी ने पलटवार किया है। ओवैसी ने लिखा- लिंचिंग करने वालों के लिए जुनैद, अखलाख, पहलू, रकबर नाम ही काफी था, ये नफरत हिन्दुत्व की देन है, इन्हें सरकार से संरक्षण मिला है। ओवैसी ने आगे लिखा- केंद्रीय मंत्री के हाथों अलीमुद्दीन के कातिलों की गुलपोशी होती है, आसिफ के हत्यारों के समर्थन में पंचायत होती है।
RSS के भागवत ने कहा "लिंचिंग करने वाले हिंदुत्व विरोधी"।इन अपराधियों को गाय और भैंस में फ़र्क़ नहीं पता होगा लेकिन क़त्ल करने के लिए जुनैद, अखलाक़, पहलू, रकबर, अलीमुद्दीन के नाम ही काफी थे।ये नफ़रत हिंदुत्व की देन है, इन मुजरिमों को हिंदुत्ववादी सरकार की पुश्त पनाही हासिल है। 1/3
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) July 5, 2021
उन्होंने आखिरी ट्वीट में लिखा- कायरता, हिंसा और कत्ल करना गोडसे की हिन्दुत्व वाली सोच का अटूट हिस्सा है, लिंचिंग इसी सोच का नतीजा है। भागवत ने कहा था कि जो गाय के नाम पर लिंचिंग करते हैं वो हिन्दुत्व के खिलाफ हैं, सरकार को सभी से एक समान ढंग से निपटना चाहिए।
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सिलसिलेवार ट्वीट कर मोहन भागवत को घेरा। ओवैसी ने ट्वीट में लिखा, ”आरएसएस प्रमुख भागवत ने कहा कि लिंचिंग करने वाले हिंदुत्व विरोधी। इन अपराधियों को गाय और भैंस में फर्क नहीं पता होगा, लेकिन कत्ल करने के लिए जुनैद, अखलाक, पहलू, रकबर, अलीमुद्दीन के नाम ही काफी थे। ये नफरत हिंदुत्व की देन है, इन मुजरिमों को हिंदुत्ववादी सरकार की पुश्त पनाही हासिल है।”
ओवैसी ने कहा कि केंद्रीय मंत्री के हाथों अलीमुद्दीन के कातिलों की गुलपोशी हो जाती है, अखलाक के हत्यारे की लाश पर तिरंगा लगाया जाता है, आसिफ को मारने वालों के समर्थन में महापंचायत बुलाई जाती है, जहां भाजपा का प्रवक्ता पूछता है कि क्या हम मर्डर भी नहीं कर सकते? उन्होंने कहा कि यह कायरता, हिंसा और कत्ल करना गोडसे की हिंदुत्व वाली सोंच का अटूट हिस्सा है। मुसलमानो की लिंचिंग भी इसी सोच का नतीजा है।