नई दिल्ली। भगवद गीता (Bhagavad Gita),वेद (Vedas) और रामायण (Ramayana) उत्तराखंड (Uttarakhand) की स्कूल की किताबों में अपनी जगह बनाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि वेद, रामायण और गीता को राज्य भर के स्कूल के सिलेबस में शामिल किया जाएगा। इसके अलावा स्कूलों में उत्तराखंड का इतिहास भी पढ़ाया जाएगा।
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इस घोषणा के साथ, उत्तराखंड भगवद गीता (Bhagavad Gita) को स्कूल की किताबों में शामिल करने वाला दूसरा राज्य बन गया है। इससे पहले गुजरात सरकार ने कहा था कि गीता को राज्य में स्कूल के सिलेबस में शामिल किया जाएगा। कर्नाटक भी भगवद गीता और उसके शिक्षण को स्कूल के सिलेबस में शामिल करने पर विचार कर रहा है।
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न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा, “हम इस साल NEP को आगामी सत्र में लागू करने जा रहे हैं, उत्तराखंड इसे लागू करने वाला पहला राज्य होगा। हम जनता और शिक्षाविदों से सुझाव और काउंसलिंग के बाद वेद, गीता, रामायण और उत्तराखंड के इतिहास को सिलेबस में शामिल करेंगे।”
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NEP ने यह भी निर्देश दिया है कि सिलेबस को भारतीय इतिहास और परंपराओं के परिचय पर भी जोर देना चाहिए। उस पर भी विचार किया जाएगा।
आपको बता दें, यह कदम गुजरात और कर्नाटक सरकार के समान जनादेश के बाद उठाया गया है। जबकि कुछ ने इस कदम की आलोचना की है। हालांकि, राज्यों ने इस बात का प्रतिवाद किया है कि भगवद गीता (Bhagavad Gita) और रामायण केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं हैं, बल्कि भारतीय संस्कृति और विरासत का एक अभिन्न अंग भी हैं।