नई दिल्ली। लड़कियों व महिलाओं से छेड़छाड़ की आए दिन होती रहती हैं, लेकिन लोक लज्जा के डर से कई बार तो वह इसके खिलाफ आवाज उठाना भी जरूरी नहीं समझती हैं। लड़कियों को लगता है कि अगर वह छेड़खानी के बारे में बताएंगी तो फिर उनका नाम बदनाम हो जाएगा, लेकिन इस सबके इतर स्कूल में होने वाली ऐसी ही धमकियों परेशान होकर शिलांग की एक बच्ची ने एंटी बुलिंग ऐप बनाया है।
मैदाईबाहुन मोंजा ने बनाया है Anti Bullying App
इस ऐप को मैदाईबाहुन मोंजा ने बनाया है। ये बच्ची कक्षा चार की छात्रा है। स्कूल में मिलने वाली धमकियों से परेशान होकर मैदाईबाहुन मोंजा ने Anti Bullying App बनाया है। जिसकी राज्य सरकार ने भी सराहना की है।
दाईबाहुन मोंजा का कहना है कि वह जब नर्सरी में थी, तभी से मिल रही थीं धमकियां
दाईबाहुन मोंजा का कहना है कि वह जब नर्सरी में थी, तभी से धमकियां मिल रही थीं। इससे मुझे प्रभावित किया। इससे परेशान होकर मैंने इस परेशानी का हल निकालने का फैसला किया। मैं नहीं चाहती थी कि कोई और बच्चा इस तरह की घटनाओं का सामना करे। उसने बताया कि छात्रों के एक समूह ने एक बार उसके खिलाफ गैंग बना लिया था। दूसरे छात्रों से भी बात न करने को कहा। उनमें से एक ने मेरे पैरों पर मुहर लगा दी थी।
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Anti Bullying App का इस्तेमाल करने का तरीका बहुत ही आसान
मोंजा ने बताया कि Anti Bullying App का इस्तेमाल करने का तरीका बहुत ही आसान है। इस ऐप की मदद से यूजर को धमकी देने वाले के नाम सहित पूरी घटना का विवरण देना होगा। इसके साथ ही इस ऐप की मदद से व्यक्तिगत रूप से भी संबंधित व्यक्तियों को संदेश भेजा जा सकता है।
मोंजा की मां दासुमलिन मोंजा ने बताया कि उसने पिछले साल सितंबर में एक ऐप-डेवलपमेंट कोर्स में दाखिला लिया था। इसके बाद कुछ महीनों में उसने ऐप डेवलप करना सीख लिया। विप्रो अप्लाइंग थॉट्स इन स्कूल्स और टीचर फाउंडेशन ने 2017 में एक सर्वे किया था, जिसमें खुलासा हुआ था कि भारत में 42 प्रतिशत बच्चों को स्कूलों में तंग किया जाता है।