नई दिल्ली: संसद का मानसून सत्र (Monsoon session) 18 जुलाई से शुरू होने वाला है। यह सत्र 12 अगस्त तक चलेगा। मानसून सत्र से पहले आज केंद्र सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस बैठक में शामिल हो सकते हैं। अनुमान है कि, इस बार का मानसून सत्र हंगामेदार हो सकता है इस दौरान सरकार की ओर से इस मानसून सत्र को लेकर विपक्षी दलों के साथ चर्चा की जाएगी।
इससे पहले शनिवार को भी सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी, जिसमे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सभी दलों से सदन में शांति और गरिमा को बनाए रखने का आह्वान किया था। संसद के कामकाज की सूची के अनुसार सदनों में 14 लंबित विधेयक और 24 नए विधेयक शामिल हैं। लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने बताया कि सत्र के दौरान 18 बैठक होंगी और कुल 108 घंटे का समय होगा। इसमें करीब 62 घंटे सरकारी कामकाज के लिए होंगे। बचा हुआ समय प्रश्नकाल, शून्यकाल और गैर-सरकारी कामकाज के लिए आवंटित होंगे।
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लोकसभा अध्यक्ष बिरला के साथ बैठक में सत्तारूढ़ भाजपा के अलावा कांग्रेस, द्रमुक और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के नेता मुख्य रूप से मौजूद रहे। टीएमसी, टीआरएस, शिवसेना, राकांपा, बसपा, सपा, टीडीपी और वामदल बैठक में नहीं शामिल हुईं। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि विपक्ष ने अग्निपथ योजना, बेरोजगारी और किसानों के मुद्दों पर चर्चा की मांग की है। राजनीतिक दलों को लोकसभा अध्यक्ष ने बताया कि 12 अगस्त तक चलने वाला यह मानसून सत्र वैसे ही छोटा है, जिसमें कुल 18 बैठकें होनी हैं।